मौला अली की यौमे पैदाइश मनाया गया, निकाला गया विशाल जुलूस
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Uttar Pradesh.वाराणसी, 11 अप्रैल = शेरे खुदा दामादे पयम्बर मुश्किल कुशा इमाम अली का 1461वां जयन्ती (यौमे पैदाइश) मंगलवार को जोशो खरोश के साथ मनाया गया। शिया मुसलमानों के पहले इमाम और पैगम्बरें इस्लाम रसूले अकरम के दामाद की यौमे पैदाइश पर रवायत के अनुसार मैदागिन स्थित टाऊनहाल मैदान से एक विशाल जुलूस हज़रात अली कमेटी के बैनर तले निकाला गया। जिसमे शिया समुदाय के लोग नए और खासकर लाल लिबास में मौजूद रहे। सभी ने एक दूसरे को मौला अली की जयंती की मुबारकबाद दी।
जुलूस में शिया धर्मगुरुओं ने भी शिरकत की। जुलूस में सबसे आगे मोटरसायकिल सवार नारा लगाते हुए चल रहे थे। इस मौके पर सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था थी। इस जुलूस के सम्बन्ध में बात करते हुए शिया धर्मगुरु ज़मीरुल हसन ने कहा कि ” इमाम अली शिया मुसलमानों के पहले इमाम के साथ साथ मुसलमानों के आखरी नबी मोहम्मद साहब के दामाद और चचेरे भाई भी थे।
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आज उनके जन्मदिवस पर हम यह रैली निकाल कर देश को अमन और चैन का पैगाम दे रहे है। इस मौके पर मौजूद मौलाना नदीम असगर ने कहा कि शिया मुसलमानों के पहले इमाम और पैगम्बर साहब के दामाद के जन्मोत्सव पर सऊदी के शहर पवित्र मक्का में जुलूस उठाने पर मनाही है पर भारत की सरकार ने हम मुसलमानों को यह हक़ दिया है कि हम अपने रहनुमाओं का जन्मोत्सव धूमधाम से मना सके। हम भारत की सरकार और स्थानीय प्रशासन के शुक्रगुजार है। जुलूस टाऊनहाल मैदान से चलकर मैदागिन, नीचीबाग, चौक, दालमंडी, नई सड़क, शेख सलीम फाटक, कालीमहाल, पितरकुंडा, लल्लापुरा होते हुए दरगाहे फातमान में पहुंच कर समाप्त हुआ। जुलूस के बाद एक सर्व धर्म समभाव सेमिनार का भी आयोजन किया गया ।