मौत के बाद सामने आया स्टीफन हॉकिंग का अंतिम सिद्धांत, बताया अनंत नहीं अंतरिक्ष
नई दिल्ली (ईएमएस)। हाल ही में दिवंगत हुए प्रख्यात अंतरिक्ष वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का आखिरी शोध पत्र हाल ही में सामने आया है। शोध में हॉकिंग ने ऐसा सिद्धांत दिया है, जो ब्रह्मांड की उत्पत्ति को लेकर अब तक की अवधारणाओं को ही पलट देने वाला साबित होगा। हॉकिंग के मुताबिक अंतरिक्ष में एक नहीं अनेक ब्रह्मांड हैं और सभी एक-दूसरे के मिलते-जुलते हैं।
हॉकिंग ने ‘ए स्मूथ एक्जिट फ्रॉम इटरनल इन्फ्लेशन’ नाम के अपने शोध में इसकी वजह को सरलता से समझाया है। केयू ल्यूवेन के प्रोफेसर थॉमस हर्टाग की मदद से लिखे गए शोध पत्र को जर्नल ऑफ हाई-एनर्जी फिजिक्स में प्रकाशित किया गया। शोध पत्र के मुताबिक हमारा ब्रह्मांड इकलौता नहीं है और न ही यह अनंत है। जबकि बिग बैंग थ्योरी में ब्रह्मांड को अनंत बताया गया है।
क्या है बिग बैंग थ्योरी
आज से करीब 10 से 20 अरब वर्ष पहले भीषण विस्फोट से ब्रह्मांड का निर्माण हुआ। इसे ही बिग बैंग थ्योरी का नाम दिया गया। विस्फोट के दौरान स्पेस, टाइम, ऊर्जा और तत्वों के फैलने से अंतरिक्ष बना। ब्रह्मांड जब ठंडा हुआ तो इन्हीं सब तत्वों ने मिलकर आकाशगंगा, तारों और ग्रहों आदि का निर्माण किया।
समानांतर यूनिवर्स का सिद्धांत
1980 में हॉकिंग ने अमेरिकी वैज्ञानिक जेम्स हार्टले के साथ मिलकर ब्रह्मांड की उत्पत्ति के बारे में नया सिद्धांत दिया था। जबकि अल्बर्ट आइंस्टीन के अनुसार 14 अरब वर्ष पूर्व ब्रह्मांड की उत्पत्ति हुई। हालांकि, आइंस्टीन ने इसकी व्याख्या नहीं की थी। हॉकिंग ने क्वांटम मैकेनिक्स का इस्तेमाल कर बताया था कि किस प्रकार ‘शून्य’ से ब्रह्मांड का निर्माण हुआ। उनके अनुसार बिग बैंग से एक नहीं बल्कि अनेक ब्रह्मांड बने होंगे।
हॉकिंग का अंतिम सिद्धांत
हार्टले और हॉकिंग का नया सिद्धांत बिग बैंग थ्योरी के इटरनल इन्फ्लेशन थ्योरी को खारिज करती है। इस थ्योरी के अनुसार अंतरिक्ष अनंत है। शोध के अनुसार अंतरिक्ष अनंत नहीं है। अपनी बात को पुष्ट करने के लिए हॉकिंग ने होलोग्रॉफी तकनीक का इस्तेमाल किया। इस तकनीक से 3डी फोटो बनाई जाती है जिसे होलोग्राम कहते हैं।
नए निष्कर्ष का क्या होगा असर
कैंब्रिज विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक हर्टांग ने कहा, इस नए सिद्धांत से वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष की उत्पत्ति के विषय में एक स्पष्ट सिद्धांत देने में मदद मिलेगी।