मैदे का ब्रैड बीमारियों का घर है, जानिए इसके नुकसान.
स्वास्थ्य: अगर देखा जाए तो सुबह के नाश्ते में अधिकतर ब्रैड खाई जाती है। खास करके बच्चों को यह ज्यादा पसंद है। कुछ बच्चे तो इस पर जैम लगाकर इसे स्कूल टिफिन में भी ले जाना काफी पसंद करते हैं। लेकिन आपको ये जानकर दुख होगा कि ये मैदे से बने ब्रैड को खाने से सेहत पर कितने बुरे असर पड़ते हैं।
दरसल मैदा भी गेहूं से ही बनता है। लेकिन जिस प्रकार आटे के लिए गेहूं को अच्छी तरह से साफ करना पड़ता है उसी तरह मैदे के लिए भी सबसे पहले गेहूं को अच्छी तरह से धो लिया जाता है। इसके बाद गेहूं की ऊपरी तह हटा ली जाती है। इसके बाद गेहूं को पीस लिया जाता है। पिसाई के बाद वाला पाउडर ही मैदा होता है। फिर इस मैदे में खमीर लगाकर ब्रैड बनाई जाती है।
एक ओर जहां गेहूं को स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है वहीं मैदे को खतरनाक। इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि मैदा बनाते समय गेहूं के ऊपरी छिलके को हटा दिया जाता है। जिससे उसका फाइबर निकल जाता है। फिर जब इसमें खमीर लगाकर ब्रैड बनाई जाती है तो वो शरीर के लिए और भी नुक्सानदायक हो जाती है।
इसमें किसी भी प्रकार का डाइट्री फाइबर नही होने से मैदे से बनी ब्रैड पूरी तरह से पच नहीं पाती है। सही से न पचने के कारण इसका कुछ हिस्सा आंतों में ही चिपक जाता है और कई तरह की बीमारियों का कारण बन सकता है। इसके सेवन से अक्सर कब्ज की समस्या हो जाती है।
मैदे की बनी ब्रैड से पेट में काफी समय तक भारीपन बना रहता है। इसका रोज सेवन करने से भूख न लगने की परेशानी का भी सामना करना पड़ता है.
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