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महाराष्ट्र : 3 सदस्यीय रेरा टीम का गठन , गौतम चटर्जी बने अध्यक्ष

मुंबई (20 मई ) : हाउसिंग मामले को रेगुलेट और नियंत्रित करने के लिए बनाई गई महाराष्ट्र रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) का गठन हो गया है. अथॉरिटी के गठन के बाद बिल्डरों की मनमानी पर जहां नकेल कसेगी, वहीं घर खरीदारों को काफी सहूलियत मिलेगी. पूर्व आईएएस अधिकारी गौतम चटर्जी के अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है. 3 सदस्य समिति में वी.एस .सिंह , और बी. डी.कापडनीस को शामिल किया गया है. जबकि चटर्जी की नियुक्ति सरकार ने दिसंबर 2016 में ही कर दिया था. 23 मई को गृह निर्माण मंत्री प्रकाश मेहता, गौतम चटर्जी को शपथ दिलाएंगे.

  क्या है रेरा……

रेरा एक स्वतंत्र समिति है, जो राज्य के सभी हाउसिंग मामले को देखेगा. केंद्र सरकार ने वर्ष 2016 में इसे सभी राज्य में लागू करने का प्रस्ताव पास किया था. 1 मई से राज्य में यह लागू हो गया है . रेरा के तहत बिल्डर, ग्राहक,एजेंट सभी को रेगुलेट किया जाएगा. इसका मुख्य उद्देश्य घर खरीद रहे ग्राहकों को ठगी से बचाना और प्रकिया को पारदर्शी बनाना है.

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 ग्राहकों को फायदा

@# अब बिल्डर अपनी मनमर्जी का एग्रीमेंट नहीं बना सकेंगे. नए कानून के मुताबिक अब दोनों में से किसी के भी लेट होने पर पेनाल्टी की रकम या दर समान होगी .

 @# अब ग्राहक रियल इस्टेट ट्रिब्यूनल के पास शिकायत कर सकेगा. ट्रिब्यूनल मे मामला दायर होने के60 दिन के अंदर फैसला मिल जाएगा.

@#  किसी तरह की शिकायत मिलने पर या रेगुलेटर की तरफ से तह गई गाइडलाइन का पालन न करने की स्थिति में बिल्डरों को प्रोजेक्ट की लागत का 10 प्रतिशत तक की पेनाल्टी लग सकती है. 3 साल की जेल भी हो सकती है.

@# बिल्डर के विज्ञापनों पर पूरी तरह रोक लगेगी और बिल्डर बिना रेगुलेटर से पास कराए विज्ञापन नहीं दे सकेंगे .

@# अब सिर्फ कार्पेट एरिया पर ही घरों की बिक्री होगी. कार्पेट एरिया मतलब वह जगह, जो आपके घर की चार दीवारी के अंदर होगा. इसमें गार्डन, लिफ्ट, लॉबी शामिल नहीं होंगे.

@# बिल्डरों को हर प्रोजेक्ट के लिए एक अलग अकाउंट बनाना होगा ,जिसमें बिक्री के जरिए जमा रकम का कम से कम 70 प्रतिशत फिक्स रखना होगा .

@# बिल्डर प्लान, डिज़ाइन, साइज और सुबिधाओ में किसी तरह का बदलाव नहीं कर सकेगा .

@# अब बिल्डर ग्राहकों से बिना एग्रीमेंट किए 10प्रतिशत  से ज्यादा एडवांस नहीं ले सकेंगे.

@# मकान खरीदारों वारंटी मिलेगी, इसके तहत बिल्डर को पजेशन देने के 5 साल के अंदर मकान में किसी भी तरह की खराबी आने पर मरम्मत करके देना होगा .

बिल्डरों पर कसेगी नकेल

गौरतलब है कि राज्य में 1 मई 2017 से रेरा लागू हो गया है. यह अथॉरिटी जहां बिल्डरों की मनमानी पर अंकुश लगाएगी ,वहीं घर खरीदने वालों को फर्जी बिल्डरों से भी बचाएगी. बिल्डरों से परेशान ग्राहक ऑनलाइन या पत्र के जरिए अथॉरिटी को शिकायत कर सकेंगे. बिल्डरों को इमारत निर्माण शुरु करने से पहले रेगुलेटरी अथॉरिटी के पास रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा. इमारत निर्माण से पहले प्लान में बताना होगा की पार्किंग की क्या व्यवस्था है या नहीं. इमारत में बंद है या खुली पार्किंग की व्यवस्थाअनिवार्य होगी डेवलपर की पूरी जानकारी जैसे फोटो, संपर्क क्रमांक ,पूरा पता अथॉरिटी को देना होगा.

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