महाराष्ट्र में 6 हजार मेट्रिक दाल का नहीं हुआ वितरण, केंद्रीय मंत्री ने महाविकास आघाड़ी सरकार पर लगाया उदासीनता का आरोप
मुंबई. महाविकास आघाड़ी सरकार की उदासीनता के कारण 6 हजार मेट्रिक दाल राज्य में बचा हुआ है.इस तरह का आरोप केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति राज्यमंत्री रावसाहेब दानवे (Minister Raosaheb Danve ) ने लगाया है.
दानवे ने कहा है कि केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष लॉकडाउन की कालावधि में जरूरतमंद गरीब परिवार को देने के लिए महाराष्ट्र में भेजे गए 6 हजार 441 मेट्रिक टन दाल लाभार्थियों को दिया ही नहीं गया. उन्होंने कहा कि बार-बार केंद्र सरकार की तरफ उंगली उठाने वाली राज्य सरकार अपनी नाकामी का उत्तर देगी क्या?,
दानवे कहा है कि पिछले साल लॉकडाउन के दौरान गरीब वर्ग के लोग खाद्यान्न से वंचित नहीं रहें इसके लिए केंद्र सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना शुरू की थी. इस योजना में “राष्ट्रीय अन्न सुरक्षा कानून” अंतर्गत आने वाले लाभार्थियों को प्रति लाभार्थी पाच किलो गेंहू अथवा चावल के साथ एक किलो दाल, अप्रैल से नवंबर 2020 तक दिया गया. आत्मनिर्भर भारत योजना अंतर्गत जो प्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे थे उन्हें प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज एवं एक किलो दाल दिया गया.
आत्मनिर्भर योजनाअंतर्गत 1 हजार 766 मेट्रिक टन दाल एवं गरीब कल्याण योजना के तहत 1लाख 11हजार 337 मेट्रिक टन कुल मिलाकर कर 1 लाख 13 हजार 41 मेट्रिक टन दाल महाराष्ट्र को दिया गया था. लेकिन सरकार की उदासीनता की वजह से 6हजार 441 मेट्रिक टन दाल बची हुई है. राज्य सरकार ने 6अप्रैल को यह जानकारी केंद्र सरकार को दी है. 15 अप्रैल को केंद्र ने बची हुई दाल तुरंत लाभार्थियों को वितरित करने का आदेश दिया है. इससे राज्य सरकार की उदासीनता साफ दिखाई देती है.वितरण नहीं किये जाने की वजह से कई स्थानों पर दाल खराब होने की जानकारी सामने आई है.