महाराष्ट्र : बीजेपी-शिवसेना में करीब करीब गठबंधन तय, 50-50 में बन सकती है सहमति
नई दिल्ली (28 जनवरी): महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी की बीच सियासी घमासान थमता दिख रहा है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक 2019 का लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी और शिवसेना में गठबंधन करीब-करीब तय हो गया है और दोनों दलों के बीच शेयरिंग के फॉर्मूले पर सहमति बन सकती है .और अगले दो-तीन दिनों में इसका ऐलान भी कर दिया जाएगा।
मिल रही जानकारी के मुताबिक बीजेपी ने महाराष्ट्र में शिवसेना को अब 22 के बदले कुल 24 सीट देने का मन बनाया है। दरअसल राजू शेट्टी एनडीए से बाहर हो चुके हैं इस कारण बीजेपी शिवसेना को उनके हिस्से की एक सीट और एक अन्य अतिरिक्त सीट दे सकती है।
बताया जा रहा है कि शिवसेना सांसदों ने राय व्यक्त की है कि अगर दोनों पार्टियां अलग-अलग लड़ीं, तो शिवसेना को नुकसान हो सकता है। हालांकि दोनों ही पार्टियां अभी कुछ भी खुलकर बोलने से बच रही हैं।वही अगर सूत्रों की मानें तो जिसके बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व गठबंधन कर लोकसभा चुनाव में साथ उतरना चाहते हैं. जानकारी के मुताबिक बीजेपी ने लोकसभा के लिए 2014 के बंटवारे को ही यथावत रखने का प्रस्ताव दिया है।
हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि शिवसेना ने गठबंधन से पहले बीजेपी के सामने कुछ शर्तें रखते हुए 2014 के फार्मूले को रिजेक्ट कर दिया है . जिसके बाद राज्य की 48 सीटों में से शिवसेना ने 24-24 सीट शेयरिंग का फॉर्मूला बीजेपी के सामने रखा है. इसमें पालघर सीट पर भी शिवसेना ने दावा किया है, जिसे हाल ही में हुए उपचुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल की थी. जिसके बाद महाराष्ट्र में कोई बड़ा या छोटा भाई नहीं होगा. खबर है यह भी है कि शिवसेना ने बीजेपी के सामने विधानसभा की 288 सीटों के बराबर-बराबर बंटवारे की शर्त रखी है।
बताया जा रहा है की राज्य में कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन के बाद बीजेपी अब किसी भी सूरत में शिवसेना को अपने से अलग रखना नहीं चाहती है. शिवसेना के तल्ख तेवर के आगे बीजेपी उसकी शर्तों पर गठबंधन करने को तैयार होती दिख रही है. सूत्रों की मानें तो महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में दोनों दलों के बीच गठबंधन होता है तो शिवसेना को पिछले चुनाव से ज्यादा सीटें मिल सकती हैं. शिवसेना अपने खाते से किसी भी अन्य के लिए कोई सीट छोड़ने के लिए तैयार नहीं है. वो चाहती है कि बीजेपी अपने कोटे से अन्य दलों को सीटें दे.
हाल ही मीडिया सर्वे में महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी को भारी बढ़त दिखाई गई है. जबकि बीजेपी और शिवसेना को तगड़ा झटका लग सकता है. इतना ही नहीं बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को पूर्ण बहुमत मिलता नजर नहीं आ रहा है. ऐसे में बीजेपी किसी भी सूरत में अपने किसी भी सहयोगी को नहीं छोड़ना चाहती है. यही वजह है कि भाजपा महाराष्ट्र में अपनी अहम पार्टनर शिवसेना को अपने साथ ही रखना चाहती है.
आपको बात दें कि शिवसेना और बीजेपी के बीच समझौते की खबरें ऐसे वक्त में आ रही हैं, जब शिवसेना के नेताओं के सीधे निशाने पर पीएम मोदी हैं। दोनों ही पार्टियों के बीच जमकर बयानबाजी हो रही है। दो दिन पहले ही शिवसेना की ओर से प्रियंका गांधी के राजनीति में आने पर जमकर तारीफ की गई थी। शिवसेना संजय राउत ने कहा है कि कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को सही समय पर उनकी नियुक्ति हुई है और वह कांग्रेस लिए ‘ट्रंप कार्ड’ हैं। वहीं एक और शिवसेना नेता मनीष कयांदे ने कहा कि आज लोग प्रियंका गांधी में इंदिरा गांधी की छवि देखते हैं।
बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी और शिवसेना ने कुछ क्षेत्रीय दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. राज्य की 48 संसदीय सीटों में से शिवसेना ने राज्य में 20 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 18 सीटों में जीत हासिल की थी. वहीं, बीजेपी ने 24 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 23 पर जीत दर्ज की थी.