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महाराष्ट्र : किसानों की कर्जमाफी के लिए चाहिए 22,500 करोड़

Maharashtra.मुंबई, 15 मार्च (हि.स.)। उत्तरप्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में किसानों की कर्जमाफी की घोषणा महाराष्ट्र सरकार की गले की हड्डी बन गई है। राज्य सरकार अगर किसानों का कर्ज माफ करती है तो उसे किसी भी कीमत पर 22,500 करोड़ रुपए का तत्काल इंतजाम करना पड़ेगा, जो राज्य की आर्थिक स्थिति देखते हुए फिलहाल मुमकिन नहीं लग रहा है।

इस तरह सारा दारोमदार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मदद पर ही टिका है। हालांकि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस कर्जमाफी के लिए सहकार मंत्री को हर तरह का आंकड़ों को जुटाने का निर्देश दे दिया है। फडणवीस का मानना है कि अगर कर्जमाफी दी जाए तो पैसा सीधे किसानों के खाते तक पहुंचना जरूरी है।

राज्य के 14 लाख किसानों ने सहकारी संस्थाओं से 9,500 करोड़ व राष्ट्रीयकृत बैंकों से 13 हजार करोड़ रुपए कर्ज लिया है। इस तरह किसानों की कर्जमाफी के लिए वर्तमान समय में 22,500 करोड़ रुपए की मुख्यमंत्री को नितांत आवश्यकता है। यह बात और है कि 35 जिलों में 33 लाख किसानों ने 10,255 करोड़ रुपए का फसल कर्ज लिया है, जिसका महज 40 फीसदी ही वापसी हो पाती है जबकि 60 फीसदी फसलबीमा की रकम वापस नहीं आती है। लेकिन फसल बीमा की रकम जो किसान नहीं लौटाते हैं, उन्हें फिर से फसलबीमा का कर्ज नहीं दिया जाता है।
हालांकि इस रकम को राज्य सरकार ने किसानों के कर्ज में नहीं जोड़ा है।

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बता दें कि इससे पहले भी किसानों को कर्जमाफी दी गई थी,लेकिन इस कर्जमाफी का लाभ स्थानीय नेताओं ने ही उठाया था। इसलिए मुख्यमंत्री कर्जमाफी का तरीका बदलने का विचार कर रहे हैं। बुधवार को राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र से कर्जमाफी के लिए मदद करने की मांग कर रही है, इसलिए विपक्ष को सदन का कामकाज चलने देना चाहिए।

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