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मराठा आरक्षण पर सरकार दायर करेगी पुनर्विचार याचिका, सीएम ठाकरे व सभांजी के बीच बैठक में फैसला

मुंबई :  मराठा आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के संबंध में राज्य सरकार एक सप्ताह के भीतर पुनर्विचार याचिका दायर करेगी. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और सांसद संभाजी राजे छत्रपति के बीच बैठक के बाद मराठा आरक्षण उप समिति के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने प्रेस कांफ्रेंस कर इस बात की जानकारी दी.मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में संभाजी राजे को बताया गया कि निर्धारित कानूनी तरीके से मराठा आरक्षण की कार्रवाई को आगे बढ़ाया जा रहा है. चव्हाण ने कहा कि सभी मांगों पर सकारात्मक तरीके से चर्चा की जा रही है. जो काम हुआ है, उसे न्याय दिलाने को लेकर मुख्यमंत्री गंभीर हैं. उन्होंने कहा कि मराठा आरक्षण को लेकर जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उनमें से एक को छोड़कर अन्य मामले वापस ले लिए गए हैं.

सारथी को लेकर शनिवार को बैठक

अशोक चव्हाण ने कहा कि मराठा छात्रों के लिए छात्रावास के मुद्दे पर 23 जिलों में काम चल रहा है. उन्होंने कहा कि सारथी को स्वायत्तता दी गई है. चव्हाण ने बताया कि उपमुख्यमंत्री अजीत पवार तारादूत परियोजना को लेकर अन्नासाहेब पाटिल महामंडल, पुणे में बैठक करेंगे. उन्होंने कोपार्डी के विषय को सही करार देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने कार्यवाही पूरी कर ली है. अभियोजन पक्ष इस मामले को जल्द ही

कोर्ट तक पहुंचने की कोशिश करेगा.

चार से पांच मामलों में नौकरी देना बाकी है. एसटी निगम में प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. सरकार ने मामले को अगले स्तर पर ले जाने के लिए महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग को पत्र भेजा है. इस संबंध में राज्य सरकार निर्णय लेगी.

सभांजी की 6 मांगे

संभाजी राजे ने मुख्यमंत्री के साथ हुई चर्चा में मराठा समुदाय की ओर से 6 मांगें रखीं. ऐसा दावा किया गया है कि इन सभी मांगों को सरकार ने मान लिया है. इन मांगों में 2014 से मई 2021 तक सरकारी सेवा में चयनित सभी उम्मीदवारों को मराठा आरक्षण के आधार पर स्थायी नियुक्ति दी जाए. इसी तरह मराठा समुदाय को ‘ओबीसी’ की तर्ज पर रियायतें देना शामिल है. प्रत्येक राजस्व विभाग में ‘सारथी’ संगठन के कार्यालय प्रारंभ करना. इसके तहत हर जिले में ‘सारथी’ संगठन के उपकेन्द्र खोले जाएंगे और वहां पर शिक्षा, अनुसंधान और प्रशिक्षण गतिविधियां संचालित की जाएंगी. संस्था को 1000 करोड़ रुपए आवंटित कर तारादूत परियोजना की तत्काल शुरुआत शामिल है. बैठक में संगठन की स्वायत्तता बहाल करने और हर जिले में छात्रावास बनाने की मांग की गई.

आन्दोलन वापस नहीं
राज्य सरकार द्वारा मराठा समुदाय की मांगों पर विचार करने के लिए एक समिति गठित करने के निर्णय के बावजूद मराठा मूक आंदोलन के नेता व सांसद संभाजी राजे ने अपनी भूमिका स्पष्ट की है. उन्होंने कहा कि हमने अपना मौन आंदोलन वापस नहीं लिया है. संभाजी ने स्पष्ट किया है कि 21 जून को राज्य के सभी मूक आंदोलन समन्वयकों की बैठक नाशिक में हो रही है और उस दिन आंदोलन की अगली दिशा तय की जाएगी

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