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भूकंप और सुनामी से इंडोनेशिया में भारी तबाही , अभी तक 800 से ज्यादा लोगों मौत !

नई दिल्ली : सुनामी से इंडोनेशिया में भारी तबाही आई है. और सरकारी आंकड़ों के अनुसार अभी तक वहां पर इस भूकंप और इसके बाद आई सुनामी से 800 से ज्यादा लोगों के मर चुके हैं और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं. इंडोनेशिया में आए इस भूकंप का केंद्र एक द्वीप सुलावेसी था. पिछले शुक्रवार यहां तगड़ा भूकंप आया. इस भूकंप की रिक्टर स्केल पर तीव्रता 7.5 थी. इसके बाद समुद्र में 5 से 10 फीट की लहरें उठीं जिन्होंने इस द्वीप पर भारी तबाही मचाई. इन लहरों की मार से कई घर ढ़ह गये. इन झटकों से समुद्र में सुनामी की ऊंची-ऊंची लहरें खड़ी हो गईं. मलबे में दबे हज़ारों घायलों को अभी तक निकाला जा रहा है.

इंडोनेशिया की डिजास्टर मैनेजमेंट एजेंसी के आंकड़ों के अनुसार अभी तक 800 से ज्यादा लोगों की जान इस प्राकृतिक आपदा के दौरान जा चुकी है लेकिन इस संख्या के और बढ़ने की उम्मीद है. सबसे ज्यादा नुकसान इंडोनेशिया के पालू और डोंगला शहरों को हुआ है. बिजली और संचार की व्यवस्था पूरी तरह से ठप्प हो चुकी है जिसके चलते मदद मिल पाने में भी काफी समस्याएं आ रही हैं. साथ ही इसकी वजह से हुई मौतों और नुकसान का सही अंदाजा भी नहीं लगाया जा पा रहा है. शहर से बाहर कितना नुकसान हुआ इसका पता भी नहीं चल पा रहा है.

इंडोनेशिया में हमेशा आते रहते हैं भूकंप और सुनामी
ऐसे में इंडोनेशिया में लगातार आने वाले भूकंप और सुनामी फिर चर्चा का विषय बन गए हैं. इसी साल की शुरुआत में लोमबोक द्वीप में कई तगड़े भूकंप आए थे. जिसमें सबसे ज्यादा खतरनाक रिक्टर स्केल पर 6.2 तीव्रता का भूकंप था. यह 5 अगस्त को यहां आया था. इस भूकंप में 550 लोगों की मौत हो गई थी. इसी तरह से 2010 में द्वीप में रेक्टर स्केल पर 7.5 तीव्रता का भूकंप आया था. जिसके बाद सुमात्रा के तटीय इलाकों में भयानक सुनामी आई थी. जिसमें 400 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. इसी भूकंप में जावा द्वीप पर 600 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी.

इंडोनेशिया,जावा और सुमात्रा जैसे देशों में ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यह इलाका ‘रिंग ऑफ फायर’ इलाके में आता है. प्रशांत महासागर के किनारे-किनारे स्थित यह इलाका दुनिया का सबसे खतरनाक भू-भाग है.

क्या है रिंग ऑफ फायर?
इंडोनेशिया एक एक्टिव भूकंप जोन में स्थित है. यही कारण है कि यहां पर इतने ज्यादा भूकंप आते हैं. इंडोनेशिया प्रशांत महासागर में स्थित ‘रिंग ऑफ फायर’ का हिस्सा है.

‘रिंग ऑफ फायर’ प्रशांत महासागर के बेसिन का इलाका है. जहां पर कई ज्वालामुखी फटते रहते हैं और तगड़े भूकंप के झटके आते हैं. भूकंप के चलते ही इसके आस-पास के समुद्रों में सुनामी का जन्म होता है. यह रिंग ऑफ फायर का इलाका करीब 40 हज़ार किमी के दायरे में फैला है. यहां पर विश्व के कुल एक्टिव ज्वालामुखियों के 75 फीसदी ज्वालामुखी हैं.

अमेरिका के जियोलॉजिकल सर्वे की एक रिपोर्ट के मुताबिक इसी इलाके में दुनिया के 90 फीसदी भूकंप आते हैं और बड़े भूकंपों में से भी 81 फीसदी इसी इलाके में आते हैं. यहां आने वाले भूकंपों का सीधा संबंध धरती के नीचे वाली प्लेट के खिसकने से है. जिनके खिसकने का कारण एक्टिव ज्वालामुखी भी होते हैं.

2004 में आई सुनामी आज भी यहां लोगों को डराती है
इस भूकंप और सुनामी के चलते लोगों को 14 साल पहले की सुनामी की तबाही की याद हो आई है, जब रिक्टर स्केल पर 9.1 के भूकंप ने सुनामी को जन्म दिया था, जिसका बहुत बुरा असर सुमात्रा पर हुआ था. इतना बुरा कि इसे दुनिया के जाने हुए इतिहास की सबसे खतरनाक प्राकृतिक आपदाओं में से एक माना जाता है. इसका असर 14 देशों पर पड़ा था. इस सुनामी का बड़ा शिकार इंडोनेशिया भी बना था. जहां इस सुनामी के बाद इंडोनेशिया में 1 लाख 68 हज़ार लोगों की मौत हो गई थी.

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