भारत लौटी उज्मा ने सुनाई अपनी आपबीती , जाने कैसे पहुची थी पाकिस्तान
इस्लामाबाद : पाकिस्तान में एक व्यक्ति द्वारा अपने साथ कथित तौर पर शादी करने के लिए मजबूर की गई भारतीय महिला गुरुवार (25 मई) को वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत लौट गई. उसने इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग में शरण ले रखी थी. दिल्ली की रहने वाली उज्मा अहमद ने पाकिस्तान की अदालत में याचिका दाखिल की थी जिसके बाद इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार (24 मई) को उसे स्वदेश लौटने की मंजूरी दे दी थी.
पाकिस्तानी पुलिस ने वाघा बॉर्डर तक उज्मा को सुरक्षा प्रदान की और भारतीय सीमा पार करने के बाद उसने भारत की धरती को नमन किया. उज्मा वाघा सीमा पार कर अमृतसर पहुंचीं. उनके आने के बाद विदेश मंत्री विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर उनका स्वागत किया. सुषमा ने ट्वीट में कहा, “उज्मा, घर में तुम्हारा स्वागत है भारत की बेटी. मुझे खेद है कि तुम्हें यह सब झेलना पड़ा.”
उन्होंने लिखा है कि भारत की बेटी का घर में स्वागत है. मैं माफी चाहती हूं उस सब के लिए जिससे तुम्हें पाकिस्तान में गुजरना पड़ा. उजमा ने पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग में शरण ली थी और मदद की अपील की थी. भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी ट्वीट कर इस बात की पुष्टि की है. सुषमा ने लिखा, ‘उजमा, भारत की बेटी का अपने घर में स्वागत है. तुम्हें जिन तकलीफों से गुजरना पड़ा, उसके लिए मैं माफी चाहती हूं.’
पाकिस्तानी कोर्ट ने स्वदेश लौटने की दी अनुमति
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने पाकिस्तानी व्यक्ति पर जबरन शादी करने का आरोप लगाने के बाद यहां भारतीय उच्चायोग में शरण लेने वाली भारतीय महिला को भारत लौटने की अनुमति दी थी और पुलिस को उसे वाघा बार्डर तक छोड़ने के आदेश दिए. उजमा मई महीने में पाकिस्तान गई थी. उसने आरोप लगाया कि पाकिस्तानी नागरिक ताहिर अली ने शादी करने के लिए उसे मजबूर किया. उजमा ने 12 मई को अदालत में याचिका दायर कर अनुरोध किया था कि उसे घर वापस जाने की अनुमति दी जाए क्योंकि उसकी पहली शादी से हुई बेटी भारत में थलीसीमिया से पीड़ित हैं अली ने अदालत में अपनी याचिका में आग्रह किया था कि उसे उसकी पत्नी से मिलने दिया जाए.
अली नामक युवक से किया था निकाह
न्यायमूर्ति कयानी ने पुलिस को आदेश दिया कि वह उजमा को भारत और पाकिस्तान के बीच वाघा बार्डर पर छोड़ें. न्यायमूर्ति ने उजमा से पूछा कि क्या वह उनके चैंबर में अली से मिलना चाहती है लेकिन उसने इनकार कर दिया. उजमा एक मई को पाकिस्तान आयी थी और फिर खबर पख्तूनख्वा में दूरवर्ती बुनेर प्रांत गई थी जहां उसने तीन मई को अली से निकाह किया. बाद में वह इस्लामाबाद आई और उसने भारतीय उच्चायोग में शरण ली. उसने आरोप लगाया कि अली ने बंदूक का डर दिखाकर उससे जबरन शादी की. खबरों के अनुसार, उजमा और अली की मुलाकात मलेशिया में हुई थी और उन दोनों को प्यार हो गया था जिसके बाद वह वाघा बार्डर के रास्ते से एक मई को पाकिस्तान आयी थी.
ये हैं मामला
इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार (24 मई) को उज्मा को स्वदेश लौटने की इजाजत देते हुए उसके मूल आव्रजन दस्तावेज भी उसे लौटा दिए थे. ये दस्तावेज उसके शौहर ताहिर अली ने अदालत को सौंपे थे. उज्मा ने 12 मई को दाखिल अपनी याचिका में तत्काल स्वदेश जाने की अनुमति मांगी थी और कहा था कि भारत में पहली शादी से उसकी बेटी है जो थलेसीमिया से पीड़ित है.
वहीं, अली ने अदालत में याचिका दाखिल कर पत्नी से मुलाकात करने की इजाजत मांगी थी. न्यायाधीश मोहसिन अख्तर कयानी ने दोनों याचिकाओं पर सुनवाई की और जिरह सुनने के बाद उज्मा को भारत लौटने की इजाजत दे दी.
बंदूक के दम पर कराया निकाह
उज्मा एक मई को पाकिस्तान गई थी और वह खबर पख्तूनख्वा प्रांत के सुदूर बुनेर जिले में पहुंच गई थी, जहां तीन मई को उसका निकाह अली से कर दिया गया था. उज्मा का आरोप है कि बंदूक के दम पर उसका निकाह अली से कराया गया था.
बाद में उसने इस्लामाबाद आकर भारतीय उच्चायोग में शरण ले ली थी. अली ने याचिका दायर कर कहा था कि उज्मा को जबरन भारतीय उच्चायोग में रखा गया है और यह भी कहा था कि शादी जबरन नहीं हुई है. नई दिल्ली की रहने वाली उज्मा को मलेशिया में अली से प्यार हो गया था, जिसके बाद वह वाघा सीमा से होते हुए एक मई को पाकिस्तान पहुंची थीं.