भारत को बंदर घुड़की देने वाला पाकिस्तान हुआ कंगाल ! चीन की चिंता बढ़ी .
नई दिल्ली (22 फरवरी): हर बात –बात पर भारत पर हमला करने ,परमाणु बम को छोड़ने की भारत को बंदर घुड़की देने वाला और समय – समय पर भारत पर आतंकवादी हमला करने वाला पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था चरमरा गयी है और पाकिस्तान धीरे –धीरे कंगाल होने लगा है .और अपनी बिगडती अर्थव्यवस्था के कारण वह दुनिया के सामने हाथ फैलाने को मजबूर हो चुका है. यह हम नहीं कह रहे बल्कि पाकिस्तान के सबसे बड़े दोस्त चीन का मीडिया कह रहा है।
चीन के सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ में मंगलवार को चीन की अर्थव्यवस्था को लेकर एक खबर छपी है .जिसमें चीन की सरकार से अपील की गई कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को बचाएं, पाकिस्तान का बढ़ता राजकोषीय घाटा किसी बड़े वित्तीय संकट में न बदल जाए चीन सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा। साथ ही अखबार के अनुसार इससे ऋण चुकाने की पाकिस्तान की क्षमता पर भी सवालिया निशान लगे हैं।
पाकिस्तान की गिरती अर्थव्यवस्था से चीन क्यों है चिंतित .
सवाल उठता है की अगर पाकिस्तान कंगाल हुआ तो चीन को क्या नुकसान होगा ? इसका जवाब है कि चीन का भरी नुकशान होगा .चीन ने पाकिस्तान में भारी निवेश कर रखा है।
@# चीन पाकिस्तान में इकोनॉमिक कॉरिडोर बना रहा है जिसमें उसने 46 अरब डॉलर यानी लगभग 3 लाख करोड़ रुपए निवेश किया है।
@# चीन की बड़ी-बड़ी कंपनियों ने पाकिस्तान की घाटे में चल रही बड़ी –बड़ी कंपनियों का अधिग्रहण किया है।
@# चीन अपना सामान चीन की जगह उसी देश में बनाना चाहता है जहां उसे व्यापार करना है। जिसके कारण चीन वहां और कंपनियों से जुड़ने के बजाय अपनी नई-नई इंडस्ट्री लगा रहा है। इसके लिए चीनी कंपनियां पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर जमीन खरीद रही हैं।जब कि कानूनन जब किसी देश में निवेश किया जाता है तो वहां की कंपनियों से समझौता किया जाता है।
@# चीन CPEC परियोजना के माध्यम से शिंजियांग प्रांत को ग्वादर पोर्ट से जोड़ना चाहता है। CPEC में गिलगिट-बल्टिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर का इलाका भी शामिल है।
@# बलोच जनता पाकिस्तान के अंदर और बाहर CPEC परियोजना का विरोध कर रही है।
@# ग्वादर बलूचिस्तान में है और यहां चीनी दखल से बलोच पहले से ही नाराज हैं।
@# CPEC में गिलगिट-बल्टिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर का इलाका भी शामिल है।
@# गिलगिट-बल्टिस्तान और पीओके की जनता भी चीन का विरोध कर रही है।
@# पाकिस्तान सैन्य ताकत से विरोध को दबा रहा है, लेकिन कब तक इस पर चीन की चिंता है।
@# साथ ही पाकिस्तान में बढ़ता आतंकवाद भी चीन की चिंता का कारण बन गया है। ऐसे और कई अन्य कारण है जिससे अगर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था गिरती है तो चीन को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।
पहले ही IMF ने नवाज सरकार को किया था आगाह.
जिस प्रकार पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था चीन के सहारे चल रही है . और पाकिस्तान में चीन का इंवेस्टमेंट बढ़ा है उसे देखते हुए IMF यानी इंटरनेशनल मॉनेट्री फंड ने पिछले साल अक्टूबर में ही नवाज सरकार को आगाह किया था कि चीन के बढ़ते निवेश से पाकिस्तान डूब सकता है.लेकिन पाकिस्तान सरकार ने IMF की चेतावनी को नजर अंदाज करते हुए चीनी निवेश को जारी रखा। जिसके कारण आज पाकिस्तान की हालत ऐसी हो गई है कि बिना चीनी कर्जे के वह एक कदम भी आगे नहीं बढ़ सकता। अभी हाल ही में चीन ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए करीब 60 करोड़ डॉलर यानी 4 हजार करोड़ का कर्ज दिया था। अगर पिछले साल दिए गए 70 करोड़ डॉलर यानी 4600 करोड़ रुपए कर्ज को जोड़ा जाय तो कुल कर्ज 1.3 अरब डॉलर यानी 9 हजार करोड़ तक पहुंच गया हैं। साथ ही पाकिस्तान ने सउदी अरब से भी 1.5 अरब डॉलर यानी 10 हजार करोड़ की कर्ज ले चुका है।