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भारत के लिए मिलने लगे अच्छें दिनों के संकेत

वर्तमान में केंद्र की मोदी सरकार कई मोर्चो पर विपक्ष के हमलावर रूख का काफी तीखा सामना कर रही है। लेकिन विगत कुछ दिनों से देश के लिए विभिन्न क्षेत्रों में काफी गर्व करने लायक समाचार प्राप्त हो रहे है जिससे अच्छे दिनों के संकेत भी मिल रहे हैं। विशेषकर देश के आर्थिक हालातों को लेकर राजनैतिक विश्लेषक तथा विरोधी कुछ अधिक ही मुखर होकर पीएम मोदी की नीतियों की कड़ी आलोचना कर रहे थे तथा यहां तक कि कुछ ने तो पीएम मोदी को अपना वित्तमंत्री तक बदलने की सलाह दे डाली थी। लेकिन विगत एक माह से ही काफी परिदृश्य बदल रहा है तथा वैश्विक आर्थिक रंगमंच पर कुछ रिपोर्टो से आर्थिक परिदृश्य का मूड तो बदला ही है तथा वैश्विक परिदृश्य में हर प्रकार के क्षेत्रों में भारत की मजबूत होती स्थिति से भारत की छवि तो चमक रही है, वहीं मोदी सरकार पर जनता का भरोसा भी कायम हो रहा है लेकिन विपक्ष को विश्व रंगमंच पर भारत को मिल रही लगातार सफलता रास नहीं आ रही है। यह वही विपक्ष है, जिसने विगत दिनों सुगमता कारोबार इंडेक्स में भारत की लंबी छलांग को मैच फिक्सिंग करार दिया था। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सुगमता इंडेक्स सूची में भारत की स्थिति को ही नकार दिया था। इससे साफ पता चल रहा है कि कांग्रेस सहित समूचा विपक्ष भारत को कभी शक्तिशाली व मजबूत राष्ट्र नहीं बनने देखना चाह रहे।

विगत एक माह से भारत के पक्ष में एक के बाद रिपोर्ट आ रही हैं। यहीं नहीं मोदी सरकार के कार्यकाल में ही भारत को 17 साल बाद भारत की मानुषी छिल्लर को विश्व सुंदरी का भी खिताब मिला तो वह भी कांग्रेसी नेताओं को नहीं पसंद आया। दूसरी तरफ भारत को सबसे बड़ी सफलता अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में न्यायाधीशों के पैनल के लिये भारतीय प्रतिनिधि दलबीर भंडारी का दोबारा चुना जाना एक बड़ी सफलता रही है। इस जीत का महत्व इसलिए बढ़ गया है क्योंकि सुरक्षा परिषद का रूख भारत के प्रति स्पष्ट नहीं था तथा ब्रिटेन अपने जज की नियुक्ति करवाने के लिए हर प्रकार के हथकंडे अपना रहा था। यह भारत सरकार के विदेश मंत्रालय की महान कूटनीति का ही परिणाम था कि भारतीय उम्मीदवार दलजीत भंडारी को 183 देशों का समर्थन हासिल हुआ। पहली बार संयुक्त राष्ट्र के किसी अस्थायी सदस्य ने स्थायी सदस्य के प्रतिनिधि को जबर्दस्त तरीके से हराने में सफलता हासिल की है। अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट के पैनल में भंडारी की जीत वाकई में मोदी सरकार की कूटनीति की बड़ी जीत है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस जीत का स्वागत वंदेमातरम से किया। उन्होंने टिवट कर भंडारी के साथ ही विदेश मंत्रालय की पूरी टीम को इसके लिए बधाई दी। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी दलबीर भंडारी की जीत को पूरे देश के लिए गर्व करार दिया। 

इस जीत के कई ऐतिहासिक मायने हैं क्योंकि पहली बार किसी देश के प्रतिनिधि को दोबारा निर्वाचित किया गया है। पहली बार संयुक्त राष्ट्र की किसी प्रतिष्ठित एजेंसी में सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य शामिल नहीं हैं। 71 वर्षों में पहली बार ब्रिटेन का कोई न्यायाधीश अंतरराष्ट्रीय अदालत में नहीं है।

आईसीजे के पैनल में 15 जज होते हैं। पांच-पांच जजों की नियुक्ति हर तीन साल बाद होती है। हर जज का कार्यकाल नौ वर्ष का होता है। पांच में चार जज लेबनान, सोमालिया, ब्राजील व फ्रांस से चुने गये थे। पांचवे के लिए भारत और ब्रिटेन के बीच टक्कर थी। सुरक्षा परिषद में ब्रिटेन को जीत मिल रही थी। लेकिन महासभा में भारत की जीत का अंतर लगातार बढ़ रहा था। 12वें दौर का चुनाव शुरू होने के कुछ ही देर बाद ब्रिटेन ने अपने उम्मीदवार को हटाने का ऐलान कर दिया। न्यूयार्क में हुई वोटिंग में सुरक्षा परिषद के सभी 15 वोट और महासभा के 193 में से 183 वोट भारत को मिले। भारत को आज तक संयुक्तराष्ट्र में किसी भी प्रस्ताव पर इतना बड़ा समर्थन नहीं मिला है। इस जीत पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसे देश की कूटनीति के इतिहास में मील का पत्थर करार दिया। संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के पक्ष में जो माहौल बना वह इस बात का सूचक है कि महासभा में भारत का समर्थन बढ़ता जा रहा है। भारत की इस जीत पर अमेरिका व रूस ने भी बधाई दी है। 

वहीं दूसरी ओर आर्थिक क्षेत्र में भी भारत की छवि में लगातार निखार आ रहा है। ईज आफ डुडंग बिजनेस में बड़ी छलांग के दो हफ्ते के अंदर ही अंतराष्ट्रीय क्रेडिट रेंटिग एजेंसी मूडीज ने भी सरकार की दशा व दिशा को हरी झंडी दे दी है। मूडीज ने भारत की रेंटिंग में 13 वर्षो के बाद सुधार किया है तथा उसने भारत की रेटिंग सुधार कर बीएए-3 से सुधारकर बीएए-2 कर दी है। इस एजेंसी ने भारत सरकार के सभी आर्थक सुधारों की प्रशंसा की है जिसमें नोटबंदी व जीएसटी भी शामिल है। रेंटिंग में सुधार के साथ भारत को उन देशों की सूची में शामिल किया गया है जहां निवेशकों के हित सुरक्षित रहेंगे। सरकार, उद्योग जगत और शेयर बाजार ने मूडीज के इस कदम का जोरदार स्वागत किया है। मूडीज की रेटिंग के बाद आज शेयर बाजार झूमकर नाच रहा है तथा देश के बदल रहे मूड का भी संकेत दे रहा है। आज देश में रूपये की हालत पहले से कहीं अधिक बेहतर है जबकि मनमोहन सिंह की सरकार में रूपये की हालत लगातार खराब हो रही थी यहां तक कि रूपये के अवमूल्यन की स्थिति आ गयी थी वहीं मनमोहन सिंह आज निहित स्वार्थों के चलते नोटबंदी को संगठित लूट बता रहे हैं। मूडीज ने उम्मीद जताई है कि इस वर्ष भारत की विकास दर 7.5 फीसदी रहेगी और आने वाले दिनों में इसमें और सुधार होगा। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि मूडीज ने इसके पहले 2004 में अटल बिहारी बाजपेयी सरकार के कार्यकाल में भारत की साख बढ़ाई थी। मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में सरकारी उपक्रमों व वित्तीय संस्थानों की भी रेटिंग सुधारी है। मूडीज ने भारत की रेटिंग को सकारात्मक से स्थिर श्रेणी में अपग्रेड किया है। रेटिंग एजेंसी का यह कदम इस बात को दर्शाता है कि भारत में पिछले कुछ वर्षो में जो आर्थिक सुधार हुए हैं उन्होंने इस देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत, स्थिर और दृढ़ बनाया है। 

जो लोग जीडीपी को लेकर हल्ला मचा रहे थे उन लोगों को भी उस समय तगड़ा झटका लगा क्योंकि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भी भारत की स्थति में सुधार का संकेत दिया है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार प्रति व्यक्ति औसत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के मामले में भी भारत एक पायदान ऊपर चढ़ गया है। इस मामले में अब भारत 126 वें पायदान पर पहुंच गया है। हालांकि अभी भारत ब्रिक्स देशों की तुलना में काफी पीछे है। वहीं दूसरी ओर भारत की अर्थव्यवस्था में पेशवेरों का भी भरोसा बढ़ा है। यह बात स्विटजरलैंड के लुजेन स्थित आईएमडी ग्लोबल बिजनेस स्कूल की ओर से जारी वल्र्ड टैलेंट रैकिंग-2017 में सामने आयी है। भारत 63 देशों के मुकाबले तथा रैकिंग में पिछले साल की तुलना में तीन पायदान ऊपर 51वें स्थान पर आ गया है। देश में प्रभावी व्यक्तिगत कर दर, श्रम बल का विकास वित्तीय योग्यता, प्रतिस्पर्धी वरिष्ठ प्रबंधकों की उपलब्धता सहित स्कूलों में विज्ञान विषय की उपलब्धता के चलते संभव हुआ है। इस बीच एक अन्य रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने राजमार्ग क्षेत्र में सड़क निर्माण की रफ्तार बढ़ाने के लिए सड़क मंत्रालय और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की तारीफ की है। अपनी रिपोर्ट में क्रिसिल ने कहा है कि जहां 2015 में रोजाना 12 किलोमीटर राजमार्गों का निर्माण होता था वहीं 2017 में यह रफ्तार बढ़कर 23 किमी तक पहुंच गयी है।

यही गति जारी रही तो आने वाले दिनों में यह 40 किमी राजमार्ग तक पहुंच जायेगी। यह उभरते हुए नये सशक्त व सामथ्र्यवान भारत की तस्वीर है। आज वैश्विक पटल पर भारत निखर रहा है तथा धीरे-धीरे ही सही तमाम चुनौतियों को पार करते हुए भारत विकास के पथ पर अग्रसर है तथा चैरेवेति-चैरेवति के नारे को बुलंद करता हुआ भारत एक दिन विश्व का नंबर एक देश अवश्य बनेगा। यही चीज भारत के विरोधियों को पसंद नहीं आ रही है तथा वह येन केन प्रकारेण मोदी सरकार को हिलाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, जिसमें विपक्ष भी पूरी ताकत से लगा हुआ है जिसे मोदी सरकार के कार्यकाल में विकास पसंद नहीं आ रहा तथा वह विकास को पागल बताकर गुजरात में ही हराने की बात सोच रहा है। इन रिर्पोटों के बाद विपक्ष के सभी आरोपों की कलई खुल गयी है तथा उनकी धार भी कुंद हो गयी है। -मृत्युंजय दीक्षित 

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