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बॉलीवु़ड के पहले सुपरस्टार थे सहगल

बॉलीवु़ड के पहले सुपरस्टार के एल सहगल को कौन नहीं जानता। यह फिल्म इंडस्ट्री के पहले ऐसे गायक और अभिनेता हैं जिन्होंने महज 15 साल के फिल्मी सफर में ऐसी छाप छोड़ी जिसे लोग आज भी याद करते हैं।
के एल सहगल का दौर 1932 से 1947 तक का रहा है। सहगल की शख्सियत ऐसी थी कि गायक किशोर और मुकेश भी उनसे प्रभावित थे और आदर्श मानते थे। सहगल के अभिनय को फिल्म ‘देवदास’ में सराहा गया। इस फिल्म में उन्होंने ऐसे प्रेमी की भूमिका निभाई जिसने उन्हें लोकप्रियता के शिखर पर पहुंचा दिया।

सहगल को बचपन से ही संगीत से काफी लगाव था। सहगल की मां ने उन्हें प्रारंभिक शिक्षा सुफी पीर सलमान युसुफ से दिलवाई। के एल सहगल के पिता अमरचंद प्रताप सिंह के दरबार में काम किया करते थे। सहगल ने पहली बार 12 साल की उम्र में प्रताप सिहं के दरबार में ही गाया। 13 साल की उम्र में जब के एल सहगल की आवाज में थोड़ा बदलाव आने लगा तो वह काफी डर गए। यहां तक कि वह महीनों नहीं बोले। जिससे परेशान होकर परिवार वालों ने संत को दिखाया जिन्होंने सहगल को रियाज करने की सलाह दी।

अपने मुकाम पर पहुंचने के लिए सहगल को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जब उन्हें कुछ समझ नहीं आया तो उन्होंने पंजाब में रेलवे में टाइम कीपर और सेल्समैन की नौकरी कर ली लेकिन संगीत से खुद को दूर नहीं रख पाए। दोस्तों के बीच उनकी गायकी लोकप्रिय होने लगी। वह दोस्तों के बीच गा रहे थे तो हिंदुस्तान रिकॉर्ड कंपनी में काम करने वाले एक शख्स ने उन्हें सुना और रिकॉर्डिंग करने के लिए उनसे अनुबंध किया।

इस तरह से उनके फिल्मी करियर की शुरुआत हुई। शुरुआती दौर में देव गांधार राग में ‘झुलाना झुलाओं ‘गाना काफी हिट हुआ। इसके बाद उन्होंने गायकी के साथ-साथ अभिनय भी शुरु किया। सुबह के सितारे, जिंदा लाश और मोहब्बत के आंसू फिल्मों ने लोगों को काफी प्रभावित किया। गानों की बात करें तो जब दिल ही टूट गया, तड़पत बीती दिन रैन, गमती ए मुस्तकिल जैसे गानों ने उन्हें सफलता के शिखर पर पहुंचा दिया। सहगल के अभिनय और गायकी का कोई तोड़ नहीं था लेकिन शराब की लत की वजह से उनका स्वास्थ्य बिगड़ता गया। महज 42 साल की उम्र में इस सितारे ने दुनिया को अलविदा कह दिया।

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