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बेसहारा को एसआई ने दिया सहारा, इंसानियत की पेश की मिसाल

सुलतानपुर, 07 सितम्बर : हमारे समाज में वर्दी पहने पुलिस वालों की पहचान अमूमन खौफ या बर्बरता के रूप में ही होती है, इसकी वजह कुछ खाकी वर्दी वाले ही बने हैं लेकिन सब एक से स्वभाव के नहीं होते| कुछ के अंदर मानवीयता भी है। इन्हीं मानवीय संवेदना से लीन एसआई एसपी सिंह हैं, जो फिलवक्त जिले के बल्दीराय थाने के इंचार्ज हैं। उन्होंने एक बेसहारा को सहारा देकर इंसानियत की मिसाल पेश की है।

एसआई एसपी सिंह द्वारा इंसानियत की लिखी गई कहानी ये है कि थाना क्षेत्र की ज्ञाना जायसवाल बेटी मोहिनी को लेकर थाने पहुंच गई। मां-बेटी ने एसआई श्री सिंह को रोते हुए अपनी जो दास्तान सुनाई उसे सुनकर श्री सिंह का दिल पसीज उठा। उन्होंने सिपाही को बुलाया, जेब से रुपए निकाल कर दिए कि इन पैसों से बाज़ार से सिलाई मशीन खरीद कर लाओ। थोड़ी देर में सिपाही मशीन लेकर हाज़िर था, जिसे एसआई श्री सिंह ने अपने हाथों से मोहिनी को दिया। और कहा बेटी, अब तुम इससे अपनी मेहनत करके अपना और मां का पेट पाल सकती हो। 

ऐसी है दर्दनाक इस दास्तान की शुरुआत

गौरतलब है कि यहाँ गरीबी का दंश झेल रहे प्रदीप जायसवाल के घर पर 1 सितम्बर 2017 को बड़ी अनहोनी ने दस्तक दिया। घर में खाना बनाते समय एकाएक आग के शोले भड़क उठे और कुछ ही पल में सारी गृहस्थी जलकर राख हो गई। प्रदीप जायसवाल कहीं बाहर रहकर कमाता है, लेकिन शराब की लत ने उसे और परिवार को तबाह कर रखा है। नतीजतन अब मां-बेटी के आगे गृहस्थी बनाने का कोई सहारा नहीं था। 

आ गई थी फांके की नौबत

हादसे के बाद फौरी तौर पर गांव के लोगों ने आर्थिक मदद कर अपना दायित्व निभाया| मां-बेटी के समक्ष फांके की नौबत आ गई। ऐसे में एसआई की इस मदद ने मसीहा बन जीवन जीने का सहारा दे दिया। वो भी ऐसा कि हाथ फैलाने की ज़रूरत ही नहीं| सिलाई मशीन का उपयोग कर अपनी कूवत से सब कुछ बनाया जा सके।

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