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बेरोजगारो के लिए खुशखबरी ,1 मार्च से युवाओं को 3000 और युवतियों को मिलेंगे 3500 रुपये महीने

जयपुर (31 जनवरी): राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने लोकसभा चुनाव से पहले एक और बड़ा मास्टर स्ट्रोक खेला है। गहलोत ने 1 मार्च से युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का ऐलान किया है। इसके तहत सरकार बेरोजगार युवाओं को 3000 रुपये और बेरोजगार युवतियों को 3500 रुपये बेरोजगारी भत्ता देगी।

कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों से पहले अपने घोषणा पत्र में इसका ऐलान किया था और अब लोकसभा चुनावों की अधिसूचना जारी होने से पहले इसे लागू करके वह युवाओं के वोट बेंक को लुभाने की कोशिश में हैं।एक तरफ जहां राजस्थान में अलवर के रामगढ़ विधानसभा में हुए उपचुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस जीत का जश्न मना रही थी, वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने युवाओ और पार्टी कार्यकर्ताओं के मनोबल को और भी बढ़ाते हुए बेरोजगार युवाओं को बड़ी खुशखबरी दी है।

मुख्यमंत्री गहलोत ने ऐलान किया है कि 1 मार्च से प्रदेश के बेरोजगार युवा और युवतियों बेरोजगारी भत्ता मिलेगा। गहलोत के इस ऐलान को लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा दांव माना जा रहा है। बेरोजगारी भत्ते की शुरुआत एक मार्च से होगी। इसके तहत लड़कियों को 3500 रुपये तो लड़कों को 3 हजार रुपये महीना भत्ता मिलेगा।

ख़ास बात यह है कि मुख्यमंत्री गहलोत ने भी यह ऐलान उसी अंदाज़ में किया जैसा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसानों की क़र्ज़ माफ़ी को लेकर किया था।ख़ास बात यह भी है कि गहलोत ने यह ऐलान सूबे की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी राजस्थान यूनिवर्सिटी में किया, जहां छात्रसंघ कार्यालय के शुभारंग के लिए वे गए थे।

 यहां काफी तादात में युवक- युवतियां मौजूद थीं, जिनके सामने गहलोत ने खुद के छात्र जीवन के संस्मरण बताते हुए पढ़ाई के दौरान होने वाली वित्तीय परेशानियों का भी हवाला दिया और अपनी सरकार की तरह से बेरोजगारी भत्ता देने का उन्होंने यही ऐलान कर खुब तालियां बटौरी।हालांकि बीजेपी का कहना है कि अशोक गहलोत का यह वादा भी उनके दुसरे वादों की तरह से खोखला साबित होगा, जिसे वे सही तरीके से लागू भी नहीं कर पायेंगे।

भले ही गहलोत सरकार के इस ऐलान से राज्य के बेरोजगारों को बड़ी राहत मिलने की संभावना जताई जा रही है, लेकिन राजस्थान की राजनीति में लोकसभा चुनाव से पहले इसे सरकार की तरफ से बड़ा मास्टर स्ट्रोक ही माना जा रहा है। वैसे सच्चाई यह भी है कि लोकसभा चुनाव पास है और उससे पहले अशोक सरकार को सत्ता में आने से पहले किए गए अपने वादों को भी पूरा करना है। ऐसे में खुद मुख्यमंत्री भी यह बात अच्छी तरह से जानते हैं कि जो ऐलान वे कर रहे हैं, क्योंकि इस वक़्त न तो सरकार के पास बेरोजगारों का सही सही आंकड़ा है और ना ही उन्हें देने के लिए इतना धन की सरकारी खजाने से हर महीने इतनी बड़ी राशि दी जा सके।उसके लिए अभी बहुत होम वर्क किया जाना है।

 

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