मुंबई. कोरोना संकट में बेड नहीं मिलने का फायदा उठाने के लिए कुछ लोग अस्पतालों से मिलकर बेड बेचने का धंधा ही खोल दिए थे. ऐसे लोगों को अब जेल जाना पड़ेगा. बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल ने बेड बेचने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है. कमिश्नर ने सभी डीन, चिकित्सा अधीक्षक और वरिष्ठ अधिकारियों को अस्पतालों में बेड वितरण नियमों का सख्ती से पालन करने के साथ सावधानी बरतने की हिदायत दी है.
कमिश्नर ने लोगों से आह्लान किया कि मुंबई महानगर पालिका क्षेत्र के अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में बेड उपलब्ध है. बेडों का वितरण नियंत्रण कक्ष के द्वारा पारदर्शी तरीके से किया जा रहा है. इस संदर्भ में संपूर्ण जानकारी कंप्यूटरीकृत प्रणाली के डैसबोर्ड पर भी उपलब्ध है जिसे रोज अपडेट किया जाता है. नागरिक किसी अफवाह और गुमराह करने वाले संदेश पर विश्वास न करें. बेड की बिक्री करने वालों के खिलाफ पुलिस अथवा बीएमसी कंट्रोल रुम को दें.
अस्पतालों में 10,829 बेड रिक्त
मुंबई के बीएमसी, सरकारी और निजी अस्पतालों में कुल 22,564 बेड हैं जिनमें से 10,829 बेड रिक्त हैं. इसमें ऑक्सीजन बेड, आईसीयू, वेंटिलेटर बेड भी शामिल हैं. खास बात यह कि प्राइवेट अस्पतालों के 80% बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित रखे गए हैं.
कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए उपलब्ध बेड का वितरण बीएमसी के 24 वॉर्डों में बने वार रुम के जरिए की जाती है. चिकित्सक की सलाह के बाद जिसे अस्पताल में बेड की जरूरत है वे सीधे बीएमसी कंट्रोल रुम से संपर्क कर बेड प्राप्त कर सकते हैं. ऐसा आह्वान बीएमसी ने किया है.