नई दिल्ली (ईएमएस)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘भारत की बात सबके साथ’ कार्यक्रम में रेल यात्री किराये पर सब्सिडी छोड़ने के लिए भारत के वरिष्ठ नागरिकों की सराहना की है। लंदन में आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने रेलवे स्टेशन पर बिताए गए अपने दिनों के साथ-साथ उस दौरान हासिल अविस्मरणीय अनुभवों को स्मरण किया।
प्रधानमंत्री ने बुनियादी ढांचे के सृजन में भारतीय रेलवे द्वारा हासिल की गई उल्लेखनीय प्रगति को भी रेखांकित किया। भारतीय रेलवे ने यात्री किराये पर सब्सिडी छोड़ने का विकल्प अपनाने वाले वरिष्ठ नागरिकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। 15 अगस्त, 2016 से लेकर 31 मार्च, 2018 तक लगभग 40 लाख वरिष्ठ नागरिकों ने स्वेच्छा से यात्री किराये पर सब्सिडी छोड़ दी, जिससे इस अकेली पहल से भारतीय रेलवे को 77 करोड़ रु की बचत हुई है।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए यात्री किराये में 100 प्रतिशत तक रियायत छोड़ने का विकल्प पहले से ही उपलब्ध था। यही नहीं, भारतीय रेलवे ने वरिष्ठ नागरिकों को यह विकल्प भी दिया कि या तो वे रेल टिकटों पर उपलब्ध पूर्ण रियायत अथवा इसके आधे से लाभ उठाएं। वरिष्ठ नागरिकों द्वारा यात्री किराये पर सब्सिडी छोड़ने की योजना ‘गिव इट अप’ काफी सफल साबित हुई है। भारतीय रेलवे उन वरिष्ठ नागरिकों की आभारी है, जिन्होंने यात्री किराये पर सब्सिडी छोड़ने का विकल्प अपनाया है। मौजूदा समय में पुरुष वरिष्ठ नागरिकों को कुल यात्री किराये पर 40 प्रतिशत रियायत और महिला वरिष्ठ नागरिकों को कुल यात्री किराये पर 50 प्रतिशत रियायत मिलती है। वैसे तो यात्री किराये पर रियायत पाने वालों में खिलाड़ियों और दिव्यांगजनों सहित यात्रियों की कई श्रेणियां शामिल हैं, लेकिन इस दृष्टि से प्रमुख लाभार्थी वरिष्ठ नागरिकों के संवर्ग में ही हैं।