पटना, सनाउल हक़ चंचल-24 जुलाई : खीरी मोड़ थाने के मुंगिला गांव के एक लापता किशोर का शव रामनगर बधार में पेड़ से लटका मिलने पर ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा. ग्रामीणों ने शव के साथ एनएच-110 (अरवल-जहानाबाद पथ) को इमामगंज बाजार के पास जाम कर दिया.
इस दौरान जब पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेने का प्रयास किया, तो ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया. इसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गये. अपने बचाव में पुलिस ने कई राउंड फायरिंग की, जिससे वहां भगदड़ मच गयी. हालांकि, पुलिस ने फायरिंग से इनकार किया है.
जानकारी के अनुसार, मुंगिला गांव के अकलू बिंद का 14 वर्षीय पुत्र निरंजन कुमार शनिवार की शाम खेलने के लिए घर से निकला था, लेकिन जब रात तक नहीं लौटा, तो परिजन दोस्तों व रिश्तेदारों को फोन कर उसकी जानकारी ली, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चल पाया. बाद में वे रात में ही गांव व उसके आस-पास खोजबीन करने निकल पड़े. काफी कोशिश के बाद भी जब वह नहीं मिला, तो लोग सुबह होने का इंतजार करने लगे. सुबह होते ही सभी दोबारा उसे खोजने निकले. इसी बीच परिजनों को जानकारी मिली कि करपी थाने के रामनगर बधार में कदम के पेड़ से एक किशोर का शव रस्सी से लटका है.
जब परिजन वहां पहुंचे, तो देखा कि वह निरंजन का शव है. ग्रामीणों ने इसकी सूचना थाने को दी. काफी देर बाद पहुंची खीरी मोड़ और करपी पुलिस को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा. बाद में ग्रामीण शव लेकर एनएच 110 को इमामगंज बाजार के पास जाम कर दिया. जब पुलिस ने शव को कब्जे में लेना चाहा, तो ग्रामीणों ने इसका विरोध किया.
पुलिस भीड़ का नेतृत्व कर रहे जमहारू इमामगंम पंचायत के मुखिया देव नारायण बिंद को हिरासत में लेकर अरवल ले गयी, जिससे ग्रामीण गुस्सा गये और पुलिस पर पथराव करने लगे. इसमें करपी थाने के एसआइ सुशांत कुमार व आरक्षी नैयर हसनैन समेत खीरी थाने के पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पुलिस अपने बचाव में करीब 20 राउंड फायरिंग की. शाम छह बजे से रात आठ बजे तक इमामगंज बाजार में अफरा-तफरी मची रही. मालूम हो वर्ष 2013 में भी मृत निरंजन के भाई अंटी व चचेरे भाई बबलू की हत्या कर शवों को गांव के किनारे पइन में फेंक दिया गया था.
पुलिस ने फायरिंग से किया इंकार
अरवल के एसपी दिलीप कुमार मिश्रा और पालीगंज के एएसपी मिथिलेश कुमार ने पुलिस फायरिंग से इनकार किया है. एसपी दिलीप कुमार मिश्रा ने कहा कि परिजनों की ओर से कोई लिखित आवेदन भी नहीं मिला है. ग्रामीण शव को अपने साथ लेकर गांव चले गये हैं. पोस्टमार्टम के बाद ही मामले का खुलासा होगा. अगर परिजन हत्या का केस करना चाहते हैं, तो पुलिस उसी दिशा में अपना अनुसंधान करेगी.
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