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बिहार : 6 साल की बच्ची के साथ पड़ोसी ने किया रेप ,बच्ची को आये कई टाके ..

पटना, सनाउल हक़ चंचल-14 जून : पटना। अपनी मां के खेत पर जाने के बाद अपन छोटी बहन के साथ घर में खेल रही छह साल की मासूम बच्ची को पड़ोस का ही एक युवक बुलाकर अपने घर ले गया और उसके साथ वह शियाना तरीके से दुष्कर्म किया, जिससे बच्ची की हालत खराब हो गयी। इलाज कराने के दौरान उसे सात टांके लगाए गए हैं। दुष्कर्म की यह घटना मोतिहारी जिले के मेहसी थाने की है। 

पीड़ित पक्ष ने थाना में आवेदन भी दिया, लेकिन घटना के आठ दिन बाद तक पुलिस ने दर्द से कराहती मासूम का मेडिकल तक नहीं कराया। मासूम बच्ची न्याय के लिए अपनी मां के साथ अधिकारियों के दरवाजे तक पहुंच तो जा रही है, लेकिन सुरक्षा कर्मी उन्हें टरका दे रहे है।

अपनी माँ के साथ कदम मिलाकर चलने की कोशिश कर रही छह वर्षीय मासूम के साथ क्या हुआ है? उसे मालूम भी नहीं है। गुड्डे-गुड़ियों के साथ खेलने के उम्र में ही उसके साथ एक वहशी दरिंदे ने वह काम किया जिसके बारे में उसे ज्ञान भी नहीं है।

घटना विगत पांच जून की है। मां के खेत की ओर जाने के बाद यह बच्ची अपने घर में अपनी छोटी बहन को लेकर खेल रही थी। तभी उसका अठारह वर्षीय पट्टीदार पंकज कुमार आया और उसे बुलाकर अपने घर ले गया।जहां उसने दरिंदगी की सारी हदें पार करते हुए मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। बच्ची के चीखने पर पंकज ने उसका मुंह दबा दिया और खून से लथ-पथ मासूम को बेहोशी की हालत में छोड़कर भाग गया। 

इधर अपनी बच्ची को खोज रही उसकी मां को जब खून से लथ-पथ मासूम मिली, तो अपनी बच्ची की हालत देखकर माँ बेहोश हो गयी। आरोपी के परिवार वालों ने बच्ची और उसकी बेहोश मां दोनों को इलाज के लिए एक नर्सिंग होम में भर्ती करा दिया। जहां उनलोगों का इलाज हुआ और बच्ची के गुप्तांग में सात टांके पड़े। लेकिन इस दौरान पीड़ित मां और बच्ची को आरोपी के परिजनों ने पुलिस के पास नहीं जाने दिया।

विगत आठ जून को मेहसी थाना में पीड़ित पक्ष ने आवेदन दिया। साथ ही जिस क्लिनिक में बच्ची का इलाज किया जा रहा था वहां से उसे सरकारी अस्पताल जाने को कह दिया गया, क्योंकि बच्ची के पिता दिल्ली में रहते हैं और वहीं फेरी का काम करते हैं।

लिहाजा, कोई पुरुष सदस्य नहीं रहने के कारण बच्ची की मां अपनी पीड़ित मासूम को लेकर चकिया रेफरल अस्पताल आई वहां इलाज करने के बाद वहां से चिकित्सको ने बच्ची को इलाज के लिए सदर अस्पताल भेज दिया, जहां बच्ची को सिर्फ इसलिए भर्ती नहीं किया गया, क्योंकि मेंहसी थाने की पुलिस साथ नहीं आई थी।

शरीर के अंदरूनी हिस्से में पड़े टांके के कारण लड़खड़ा कर चल रही बच्ची अपनी मां के साथ अधिकारियों से गुहार करने पहुंची तो मालूम हुआ कि पुलिस कप्तान नगर थाना में किसी काण्ड के अनुसंधान में आये हुए हैं।जहां पहुंचकर मां-बेटी दोनों ने एस.पी. से मिलने का प्रयास करते हुए उनके सुरक्षाकर्मियों से गुहार लगाई।

लेकिन उस मां-बेटी के दर्द को वहां कोई सुनने को तैयार नहीं है। मासूम बच्ची की महज छह साल की उम्र में महसूस किये गए दर्द के बाद भी पुलिस का रवैया ऐसा है कि घटना के आठ दिन और थाने में आवेदन देने के पांच दिन बाद तक मासूम का वर्दीधारियों ने मेडिकल तक नहीं कराया है।

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