बिहार को 2022 तक समृद्ध राज्य बनाना है: प्रधानमंत्री
पटना, 14 अक्टूबर (हि.स.)। पटना विश्वविद्याल के छात्रों का स्टार्टअप के लिए आहवान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 800 मिलियन वाले देश की 65 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष की है। यह युवाशक्ति देश को बहुत कुछ दे सकती है। पटना विश्वविद्यालय के पास मेधा है और इस विश्वविद्यालय के छात्र स्टार्टअप के माध्यम से बैंकों की सहायता लेकर देश को आगे बढ़ा सकते हैं।
शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पटना विश्वविद्यालय के एक सौ साल पूरा होने पर आयोजित समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप मिशन में देश आज दुनिया में चौथे स्थान पर है और यदि यहां की युवा शक्ति संकल्प ले ले तो भारत पूरे विश्व में स्टार्टअप के क्षेत्र में पहले स्थान पर होगा। मोदी ने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि पूर्व के प्रधानमंत्रियों ने कई ऐसे अच्छे काम छोड़ दिए हैं, जिन्हें आज वे पूरा कर रहे हैं। वह देश के पहले प्रधानमंत्री हैं, जिनका नाम इस गौरवशाली विश्वविद्यालय से जुड़ गया है। देश के इतिहास में पटना विश्वविद्यालय का बहुत बड़ा योगदान है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक चीनी कहावत की चर्चा करते हुए कहा कि यदि अगले एक साल तक की सोचनी है तो अनाज बोएं। अगले 10 साल की सोचनी है दो फलदार वृक्ष लगाएं और यदि पीढ़ियों तक की सोचनी है तो मनुष्य बोएं। पटना विश्वविद्यालय इसका जीता- जागता उदाहरण है। इस विश्वविद्यालय ने सौ वर्ष पहले जो बीज बोया था, उस बीज से सरस्वती के साधक निकलकर देश को आगे ले गए। पटना विश्वविद्यालय ने महज राजनेता ही नहीं दिया है, बल्कि देश को नायाब अधिकारी और साहित्यकार भी दिए हैं। आज हिन्दुस्तान में शायद ही कोई ऐसा राज्य है जहां सिविल सर्विस का नेतृत्व करने वाले पहले पांच लोगों में पटना विश्वविद्यालय के पढ़े हुए छात्र न हो। सरस्वती की उपासना में बिहारियों ने स्वयं को खपा दिया है, लेकिन अब वक्त बदल गया है। सरस्वती के साथ साथ इस राज्य को लक्ष्मी की कृपा भी जरूरी है।
उन्होंने आश्वासन दिया कि केंद्र की सरकार सरस्वती तथा लक्ष्मी दोनों की कृपा बनाकर इस राज्य को देश में एक विकसित राज्य के रूप में स्थापित करेगी। बिहार के विकास के प्रति मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रतिबद्धता की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2022 तक केंद्र का सपना है कि पूर्वी क्षेत्र के राज्य आजादी के 75 वर्ष में विकसित राज्य हों। उन्होंने कहा कि यह उनका संकल्प है कि बिहार भी आजादी के 75 वर्ष में एक विकसित राज्य बनकर आगे बढ़े।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गंगा के तट पर बसे इस पवित्र धरती पर पटना विश्वविद्यालय की ज्ञान की धारा भी उतनी ही पुरानी है, जितनी गंगा की धारा। बिहार की इस धरती ने देश को नालंदा और विक्रमशिला जैसे गौरवशाली विश्वविद्यालय दिए, जिनकी पूरे विश्व में चर्चा थी। उन्होंने कहा कि मानव जीवन का शायद ही ऐसा कोई क्षेत्र है, जिसमें बिहार का योगदान और नेतृत्व न रहा हो। बिहार की विरासत हमें प्रेरणा देती है। प्रतिभाशाली इस धरती पर भविष्य के गौरवशाली इतिहास का बीजारोपण भी ऐसे ही सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत वाली धरती पर संभव है। उन्होंने एक महान शिक्षाविद् की चर्चा करते हुए कहा कि शिक्षा का काम दिमाग को खाली करके उसे खोलना है, ताकि नई इनोवेटिव चीजें सीखकर आगे बढ़ा जा सके।