नई दिल्ली, 24 नवम्बर (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने बिल्किस बानो गैंगरेप मामले में गुजरात सरकार से दोषी अफसरों के विभागीय जांच संबंधी स्टेटस रिपोर्ट सौंपने के लिए जनवरी के पहले सप्ताह तक का समय दिया है। आज सुनवाई के दौरान गुजरात सरकार ने स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय की मांग की थी जिसका बिल्किस बानो के वकील ने विरोध किया। बिल्किस बानो के वकील ने कहा कि आज के डिजिटल युग में जानकारी निकालना बहुत आसान है| इसके बावजूद राज्य सरकार काफी समय ले रही है। उन्होंने नवंबर या दिसंबर में रिपोर्ट सौंपने के लिए समय देने की मांग की। बिल्किस बानो के वकील ने कहा कि पीड़िता पिछले 15 सालों से परेशान है और मुआवजे के लिए उसकी अर्जी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। उन्होंने इस मामले की सुनवाई विंटर ब्रेक के पहले करने का अनुरोध किया।
पिछले 23 अक्टूबर को गुजरात सरकार को स्टेटस रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि उन अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है कि नहीं। उन्हें सेवा में नहीं रखा जा सकता है।
दरअसल इन अधिकारियों ने बांबे हाईकोर्ट द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी पिछले 10 जुलाई को इन अधिकारियों की अर्जी खारिज कर दी थी। आज बिल्किस बानो के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दोषी अफसरों की सेवा अभी भी बरकरार है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश दिया।
पिछले 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने बिल्किस बानो गैंगरेप मामले में बांबे हाईकोर्ट द्वारा दोषी ठहराए जाने के फैसले पर रोक लगाने की गुजरात के पुलिसकर्मी राम सिंह भगोरा और चार दूसरे पुलिस अधिकारियों और दो डॉक्टरों की याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने कहा था कि सभी की सजा बरकरार रहेगी। दोनों डॉक्टरों को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपने डॉक्टर होने के बावजूद पुलिस के कहने पर रिपोर्ट लिखी, ये आपने अपने पेशे के साथ सही नहीं किया।
भगोरा पर आरोप है कि उन्होंने साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की। ट्रायल कोर्ट ने भगोरा को आरोपों से बरी कर दिया था, लेकिन बांबे हाईकोर्ट ने भगोरा समेत सात पुलिसकर्मियों और डाक्टरों को सबूतों से छेड़छाड़ का दोषी पाया था। हालांकि सभी आरोपियों की जेल में बिताई जा चुकी अवधि को सजा मानते हुए उन्हें रिहा करने का आदेश दिया था।