काठमांडू, 10 अगस्त : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज नेपाल की राजधानी काठमांडू में आज गुरुवार से शुरू हो रहे दो दिवसीय 15वें बिम्सटेक( द बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टरल टेक्निल एंड इकोनोमिक कोऑपरेशन) सम्मेलन में शामिल होंगी। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य बंगाल की खाड़ी से लगे दक्षिण एशियाई और दक्षिणपूर्व देशों के बीच आर्थिक सहयोग बढ़ाना है। बिम्सटेक समूह के सात सदस्य हैं जिनमें नेपाल, भारत, भूटान, म्यांमार, बांगलादेश, श्रीलंका और थाईलैंड हैं।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज गुरुवार को 12:55बजे पर काठमांडू के त्रिभुवन हवाई अड्डे पर उतरेंगी। वह शाम 4 बजे नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा से उनके सरकारी आवास बालूवाटार पर मुलाकात करेंगी। साथ ही वह सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों इसके बाद राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगी ।शाम 6 बजे बिमस्टेक सम्मेलन का उद्घाटन किया जाएगा। शाम 7.30 बजे बिम्सटेक सदस्यों के साथ रात्रि भोज का कार्यक्रम है।
सुषमा अपनी काठमांडू यात्रा के दौरान बिम्सटेक सम्मेलन के इतर अपने भूटानी समकक्ष दामचो दोरजी से मुलाकात करेंगी। दोरजी और सुषमा के बीच द्विपक्षीय वार्ता 11 अगस्त को दोपहर 1:30 बजे होगी। मुलाकात के दौरान दोनों नेता द्विपक्षीय मुद्दों के अलावा डोकलाम पर बने विवाद को कम करने के उपायों पर चर्चा करेंगे। विदित हो कि डोकलाम विवाद शुरू होने के बाद सुषमा पहली बार भूटानी विदेश मंत्री से मुलाकात करेंगी।
उल्लेखनीय है कि पिछले एक महिने से भारत-चीन भूटान सीमा पर स्थित डोकलाम पर लागातार तनाव बना हुआ है। चीन लगातार युध्द की धमकियां दे रहा है, जबकि भारत बातचीत से समस्या के हल की बात कर रहा है । वहीं भूटान अब तक इस मसले पर चुप्पी साधे हुए है। भूटान ने 19 जून को एक बयान जारी किया था जिसमें डोकलाम पर चीन द्वारा सड़क निर्माण पर आपत्ति जाताई थी।
भूटान ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर 1988 में भूटान और चीन के बीच हुए द्विपक्षीय समझौते का जिक्र किया था, जिसमें सीमा क्षेत्रों को लेकर विवाद सुलझने तक यथास्थिति बनाए रखने की बात कही गई है।