उत्तर प्रदेशखबरे

बारिश और कीचड़ से गुजर कर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी.

वाराणसी, 27 जनवरी= मूक साधना के पर्व मौनी अमावस्या पर शुक्रवार को बारिश और कीचड़ से गुजर लाखों श्रद्धालुओं ने मौन रख पवित्र गंगा में पुण्य की डुबकी लगाई और भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर दान-पुण्य करने के बाद बाबा विश्वनाथ और अन्नपूर्णा के दरबार में मत्था टेका। लगभग 12 साल बाद महास्नान पर्व पर अमृत योग के संयोग में गंगा स्नान के पुण्य लोभ में खलनायक बनी बारिश भी आस्था के आगे बौनी पड़ गई। गुरूवार की शाम से ही ग्रामीण अंचल से महिलाएं बच्चे वृद्ध सिर पर गठरी लादे गंगा स्नान और दान पुण्य दर्शन के लिए शहर में आने लगे थे। हजारों श्रद्धालुओं ने ठंड और बारिश की बूंदों के बीच गंगा घाट पर खुले आसमान और गोदौलिया दशाश्वमेध रोड की दुकानों की पटरियों पर ठिकाना बना आधी रात के बाद ही गंगा स्नान के लिए घाटों की ओर चल पड़े।

इस दौरान श्रद्धा और भक्ति का नीर-क्षीर गंगा घाट से लेकर सडक़ो पर छलकता रहा। ‘हर-हर गंगे’ का उद्घोष करते श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा में आस्था के गोते लगाए, दान व दर्शन-पूजन भी किया। स्नान-ध्यान और अर्घ्य चढ़ाने के पश्चात महिला-पुरुष श्रद्धालुओं ने गरीबों में तिल, गुड़, चावल, कम्बल आदि दान किया और बाबा दरबार सहित विभिन्न देवालयों व शिवालयों में शीश नवाया। गंगा स्नान के लिए आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जिला प्रशासन ने गंगा तट की ओर जाने वाले सड़कों गलियों में यातायात प्रतिबन्धित कर दिया।

घाट सहित दशाश्वमेध के मुख्य सड़क पर सुरक्षा का व्यापक प्रबन्ध किया गया था। गंगा में भी जल पुलिस के जवानों के साथ गोताखोर नावों पर मुस्तैद रहे। गंगा स्नान दान पुण्य के लोभ में हजारों श्रद्धालु रविवार की दोपहर से ही शहर में आने लगे थे। गंगा स्नान के लिए दशाश्वमेध घाट पर सबसे अधिक भीड़ दिखी। इसके अलावा भैेसासुर घाट ,पंचगंगा, शीतला घाट, राजेन्द्र प्रसाद घाट, अस्सी घाट, सिंधिया घाट, मुंशी घाट, दरभंगा घाट, शिवाला, केदारघाट व मानसरोवर घाट पर भी भीड़ रही। दान पाने के लिए घाटों पर भिखारियों का रेला भी उमड़ पड़ा था। उधर श्रद्धालुओं की सेवा में कई संस्था व संगठन जुटे रहे।

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