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सिडनी, 27 जुलाई : बरमूडा ट्रांयगल को रहस्यमयी जगह माना जाता है। यहां बीते 70 सालों से जहाजों और विमानों के गायब होने के बाद पूरी दुनिया में इस अंधविश्वास को बल मिला है। पर, अब एक ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिक ने दावा किया है कि बरमूडा ट्रांयगल में कोई रहस्य नहीं है।
इस संबंध में प्रख्यात वैज्ञानिक कार्ल क्रुजेलनेकी ने कहा कि बरमूडा ट्रांयगल में गायब हुए विमानों की संख्या उतनी ही है, जितनी दुनिया के किसी भी हिस्से में प्रतिशत के आधार पर होती है। इसका एलियंस या लापता हो गए अटलांटिस शहर के फायर-क्रिस्टल से कुछ भी लेना देना नहीं है। इसके बजाय उनका मानना है कि इस क्षेत्र में गायब हुए लोगों के लिए मानवीय त्रुटि जिम्मेदार है।
बरमूडा ट्रांयगल फ्लोरिडा से प्यूरो रीको तक फैला हुआ सात लाख वर्ग किलोमीटर का समुद्री इलाका है, जो उत्तर अटलांटिक महासागर में बरमूडा के द्वीप तक फैला है। पिछले 100 सालों में दुनिया के इस रहस्यमयी हिस्सा में कम से कम 20 विमानों और 50 जहाज लापता हो चुके हैं। इनमें करीब 1000 लोग मारे गए हैं।
उन्होंने कहा कि बरमूडा ट्रांयगल एक बड़ा सात लाख वर्ग किलोमीटर के समुद्री इलाके को कवर करता है। यह समुद्र का विशेष रूप से सबसे व्यस्त पैच है। यह दुनिया के एक अमीर भाग अमेरिका के पास भूमध्य रेखा के करीब है, जहां से काफी ट्रैफिक गुजरता है।