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बड़ी बेरहमी से दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया बिहारी छात्रों को , लाठियां भी बरसाई गई

पटना, सनाउल हक़ चंचल-

एक बार फिर से बेरहमी से पीटा गया है बिहारियों को. घटना एक बार फिर से मणिपुर में सामने आई है. बताया जा रहा है. एनआईटी मणिपुर सोमवार की दोपहर रणक्षेत्र में तब्दील हो गया. पुलिस के जवानों ने बिहार और दूसरे राज्यों के छात्रों को बेरहमी से पीटा. एक दर्जन से अधिक छात्र घायल हो गए, जिनमें से कई का रिम्स इंफाल में इलाज चल रहा है. कई बच्चों को हिरासत में लेने और घायल होने की पुष्टि लाम्फेल थाने की पुलिस ने फोन पर की है.

घायलों में भोजपुर के अजीत कुमार और प्रीतम कुमार, नालंदा के मोहित शर्मा, पटना के राजेश सिंह और प्रांजल प्रसून, गोरखपुर के आयुष सोनी, भोपाल के लोकेश कुशवाहा, राजस्थान के भरत कुमार, मनीष कुमार आदि शामिल हैं. रजिस्ट्रार प्रो. ललित ने इस संबंध में बातचीत से इन्कार कर दिया है. कॉलेज कर्मियों ने बताया कि परिसर में आकर मारपीट करने वाले स्थानीय लड़कों पर कार्रवाई नहीं होने से गुस्साए बिहार, यूपी सहित दूसरे राज्यों के दर्जनों छात्र रजिस्ट्रार कार्यालय के आगे सुबह से ही प्रदर्शन कर रहे थे.

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छात्रों के आक्रोश को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस जवान परिसर में बुलाए गए. छात्र परिसर में सुरक्षा बढ़ाने और बाहरी लड़कों पर प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की मांग को लेकर दोपहर नारेबाजी करने लगे. पुलिस और छात्रों के बीच नोकझोंक हुई. पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए खुद को हॉस्टल के कमरे में बंद कर लिया, लेकिन पुलिस ने कमरे से खींचकर एक दर्जन से अधिक छात्रों को हिरासत में ले लिया. छात्रों से बांड भरवाने के बाद उन्हें छोड़ा गया. छात्रों ने बताया कि पुलिस मारपीट और क्षेत्रवाद फैलाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कर कॅरियर खत्म करने की धमकी दे रही है. कॉलेज प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है.

लाम्फेल थाना पुलिस के अनुसार रविवार की दोपहर परिसर में क्रिकेट खेलने को लेकर एनआईटी के छात्रों और बाहरी लड़कों के बीच विवाद हुआ. शाम को परिसर के बाहर दोनों गुट में मारपीट हुई. घायल छात्रों ने बताया कि विवाद के बाद शाम को बाहरी लड़कों ने कुछ छात्रों को पीटकर घायल कर दिया. इन्हें इलाज के लिए रिम्स में भर्ती कराया गया. वहां भी मारपीट करने वाले लड़के पहुंच गए, जिन्हें पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया गया. किंतु पुलिस ने कार्रवाई के बजाए उनका पक्ष लेकर कॉलेज प्रशासन से मारपीट की शिकायत की.

कॉलेज कर्मियों के अनुसार पुलिस कार्रवाई और एफआईआर के भय से दूसरे प्रदेश के छात्र हॉस्टल खाली कर रहे हैं. छात्रों ने बताया कि पुलिस और कॉलेज प्रशासन प्राथमिकी दर्ज कर कॅरियर खत्म करने की धमकी दे रहे हैं. ऐसी स्थिति में परिसर में रहना खतरे से खाली नहीं है.

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