नई दिल्ली, 01 फरवरी= वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वित्त वर्ष 2017-18 के बजट में कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों पर फोकस किया है। उन्होंने कहा कि एग्रीकल्चर सेक्टर की ग्रोथ इस साल 4.1 फीसदी रहने का अनुमान है। नाबार्ड के तहत इरिगेशन फंड को बढ़ाकर 20 हजार करोड़ तक बढ़ा दिया गया। फसलों की बीमा के लिए 9000 करोड़ रुपए का प्रावधान। नाबार्ड के अंतर्गत 8000 करोड़ रुपए का डेयरी प्रोसेसिंग इन्फ्रा फंड बनाया जाएगा।
एग्री कोऑपरेटिव्स के डिजिटाइजेशन के लिए तीन साल में 1900 करोड़ का प्रस्ताव है। ई-नैम के तहत हर एपीएमसी के लिए 75 लाख रुपए का प्रावधान किए गए है। मनरेगा के लिए 48,000 करोड़ रुपए का प्रस्ताव है। रूरल प्रोग्राम्स के लिए हर साल 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के खर्च का प्रस्ताव है।
2019 तक 50 हजार ग्राम पंचायतों को गरीबी से मुक्त किया जाएगा। पीएम सड़क योजना के तहत रोजाना 133 किमी सड़क बनाई जाएगी। कृषि सेक्टर के लिए 10 लाख करोड़ रुपए का कर्ज देने से ट्रैक्टर सेल्स को बूस्ट मिलेगा। प्रधानमंत्री सड़क योजना के लिए 19 हजार करोड़ रुपए का प्रस्ताव है।
बेघरों और कच्चे मकानों में रहने वालों के लिए 2019 तक 1 करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य तय किया गया है और लेदर और फुटवेयर सेक्टर के लिए स्पेशल जॉब क्रिएट की जाएंगी। स्क्लि एक्वीजिशन प्रोग्राम के लिए 4000 करोड़ रुपए का प्रस्ताव है। हायर एजुकेशन में एंट्रेंस एक्जाम के लिए एजेंसी बनाई जाएगी।
प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए फंड आवंटन बढ़ाकर 23000 करोड़ करने का प्रस्ताव है। रूरल एग्री और इससे जुड़े सेक्टर्स के लिए 1.87 लाख करोड़ का प्रस्ताव है। दीनदयाल आवास योजना के लिए 4500 करोड़ रुपए और 1 मई, 2018 तक 100 फीसदी रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन का टारगेट है।