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फर्जी पासपोर्ट मामले में अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन को 7 साल की सजा

नयी दिल्ली: DON छोटा राजन और अन्य को फर्जी पासपोर्ट मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने मंगलवार (25 अप्रैल) को सात साल की सजा सुनाई. इससे पहले गैंगस्टर छोटा राजन और तीन अन्य अवकाश प्राप्त नौकरशाहों को सीबीआई की एक विशेष अदालत ने फर्जी पासपोर्ट रखने के मामले में सोमवार (24 अप्रैल) को दोषी करार दिया था.

अदालत ने दोषियों को दी जाने वाली सजा की अवधि पर दलीलें सुनीं और अपना फैसला सुना दिया.

विशेष न्यायाधीश विरेन्द्र कुमार गोयल ने छोटा राजन को भारतीय दंड संहिता के तहत सुरक्षा के दृष्टिकोण से मूल्यवान वस्तु की फर्जी प्रतिलिपि तैयार करने का दोषी ठहराया था. 

छोटा राजन के अलावा अदालत ने तीन अवकाश प्राप्त नौकरशाहों.. जयश्री दत्तात्रेय रहाते, दीपक नटवरलाल और ललिता लक्ष्मणन को भी दोषी करार दिया था.

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तिहाड़ जेल में बंद है राजन

राजन फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है. अन्य तीनों जमानत पर बाहर थे, लेकिन फैसला आने के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया था.अदालत ने मंगलवार (25 अप्रैल) को दोषियों को दी जाने वाली सजा की अवधि पर दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया.अदालत ने तीन सरकारी अधिकारियों की मदद से मोहन कुमार के नाम पर कथित रूप से फर्जी पासपोर्ट लेने के मामले में राजन के खिलाफ आदेश 28 मार्च को सुरक्षित रख लिया था.

उच्च न्यायालय ने खारिज की याचिका

लक्ष्मणन ने उच्च न्यायालय से अनुरोध किया था कि उनके मामले की सुनवायी बेंगलुरु में करवायी जाये, लेकिन अदालत ने नौ जनवरी को याचिका खारिज करते हुए कहा कि निचली अदालत मामले की सुनवायी नहीं कर सकता है. गौरतलब है कि 55 वर्षीय गैंगस्टर राजन को अक्तूबर, 2015 में बाली से प्रत्यर्पण के रास्ते भारत लाया गया था.

 

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