नई दिल्ली, 19 जनवरी= देश में अभी 75 हवाईअड्डों से विमान सेवाएं जारी हैं और अगले महीने इसमें 43 हवाईअड्डों को इजाफा हो जाने पर 118 हवाईअड्डों पर नियमित विमान सेवाएं सुलभ हो जाएंगी।
नागर विमान राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने गुरूवार को यह जानकारी एक संवाददाता सम्मेलन में दी। उन्होंने बताया कि आम नागरिक को भी सस्ती हवाई सेवा उलब्ध कराने के लिए सरकार क्षेत्रीय संपर्क योजना उड़ान शुरू करने जा रही है जिसके तहत इन सभी 118 हवाईअड्डों से विमान सेवाएं शुरू किए जाने की संभावना है। उन्होंने बताया कि विमानन कंपनियों ने इसके प्रति काफी उत्साह दिखाया है। 11 बोलीकर्ताओं ने 190 उड़ान मार्गों पर 43 शुरुआती प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। शुरुआती प्रस्ताव के लिए 30 उन हवाईअड्डों को जोड़ा जाएगा जहां पर कि विमान सेवाएं चालू हैं और 12 कम उड़ानों वाले हवाईअड्डे और 50 जहां फिलहाल कोई उड़ान नहीं है।
उन्होंने बताया कि पश्चिम राज्यों में कुल 32 हवाईअड्डे प्रस्तावित हैं। इसमें सबसे अधिक 14 महाराष्ट्र, गुजरात में 8, छत्तीसगढ़ में 5, केंद्रशासित प्रदेश में 2, मध्यप्रदेश में 2 और गोवा में एक हवाईअड्डा शामिल है। उत्तरी राज्यों में 21 हवाईअड्डे प्रस्तावित हैं। इनमें उत्तरप्रदेश में 6, पंजाब में 4, जम्मू और कश्मीर और राजस्थान में 3-3, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में 2-2 और दिल्ली में एक हवाईअड्डा। दक्षिणी राज्यों में 16 हवाईअड्डे प्रस्तावित हैं। इनमें कर्नाटक में 6, आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु में 4-4, यूटीपी और तेलंगाना में 1-1 हवाईअड्डा। पूर्वी राज्यों में कुल 12 हवाईअड्डे प्रस्तावित हैं।
यहां पश्चिबंगाल और ओडिशा में 5-5 और झारखंड में 2 हवाईअड्डा। उत्तर-पूर्व के राज्यों में कुल 11 हवाईअड्डे प्रस्तावित हैं। मणिपुर में यहां सबसे अधिक 6 जबकि असम, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा में 1-1 हवाईअड्डा प्रस्तावित है।