देहरादून, 30 अक्टूबर (हि.स.)। सिडकुल बोर्ड के बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि प्रदेश में पूंजी निवेश को बढ़ाने के लिए कार्य में तेजी लाएं। लंबित परियोजनाओं के समयबद्ध निस्तारण के लिए टाइमफ्रेम बनाएं।
सोमवार को सचिवालय में सिडकुल बोर्ड की 43वीं बैठक में बताया गया कि अब तक 30 हजार करोड़ रुपये का पूंजी निवेश राज्य में हुआ है। सिडकुल ने सात औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए हैं। अब तक 8708.9 एकड़ भूमि पर विकसित औद्योगिक क्षेत्र में छोटे-बड़े 2000 उद्योग स्थापित हुए हैं। पंतनगर, हरिद्वार, सेलाकुई, कोटद्वार आईटी पार्क, सितारगंज फेज एक और दो, काशीपुर में सिडकुल द्वारा विकसित औद्योगिक क्षेत्रों में 1,60,718 लोगों को रोजगार के अवसर मिले हैं और 22,000 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश हुआ है।
बताया गया कि 2011-12 में उप्र के 16 औद्योगिक क्षेत्रों को सिडकुल को सुपुर्द किया गया। इसे सिडकुल द्वारा औद्योगिक इकाइयों के अनुरूप विकसित किया जा रहा है। 1,102.72 एकड़ भूमि पर विकसित इन औद्योगिक क्षेत्रों में 1,140 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश आकर्षित किया गया है। इससे 15,250 लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं। बताया गया कि सिडकुल के पास 931 करोड़ रुपये की औद्योगिक, 216 करोड़ रुपये की व्यावसायिक, 94 करोड़ रुपये की आवासीय और 202 करोड़ रुपये की संस्थागत भूमि उपलब्ध है। इसके अलावा 1002 एकड़ भूमि खुरपिया फार्म और 803 एकड़ भूमि नेपा लि. की मिली है। सिडकुल के पास 913 करोड़ की 944 एकड़ भूमि पंतनगर, कोटद्वार, काशीपुर टेक्सटाइल पार्क, जसपुर टेक्सटाइल पार्क और भीमताल में उपलब्ध है।
उपलब्ध भूमि पर सिडकुल द्वारा औद्योगिक इकाइयों को आकर्षित करने का प्रयास किया जा रहा है। थाईलैंड, बेल्जियम, इटली, चीन का प्रतिनिधिमंडल पूंजी निवेश की संभावना की तलाश करने औद्योगिक क्षेत्रों का भ्रमण किया। दक्षिण कोरिया की कम्पनियों ने भी पूंजी निवेश की रुचि दिखाई है। वर्ष 2016-17 में सिडकुल ने 70 करोड़ रुपये की 40 इकाइयों को आकर्षित किया है। बैठक में प्रमुख सचिव उद्योग मनीषा पंवार, एमडी सिडकुल आर. राजेश कुमार, इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के पंकज गुप्ता, अपर सचिव वित्त एलएन पंत आदि मौजूद रहे।