पेड न्यूज पर प्रतिबंध से चुनावों में आ रहे अच्छे परिणाम: मुख्य निर्वाचन अधिकारी
झांसी, 10 फरवरी (हि.स.)। इलेक्शन के दौरान पेड न्यूज पर प्रतिबंध लगाए गए और उसका अच्छा परिणाम भी सामने आया। इसका जीता जागता उदाहरण गुजरात व हिमाचल प्रदेश के चुनाव में देखने को मिला, जहां निष्पक्ष तरीके से चुनाव सम्पन्न हुए हैं। आगामी 2019 के लोकसभा चुनावों की तैयारियां शुरू हो गई हैं। निश्चित ही यह चुनाव भी पूरी तरह से निर्विवादित तरीके से कराए जाएंगे। चुनाव आयोग सबसे बड़ी निष्पक्ष संस्था है और इसके कार्यों पर उंगली नहीं उठानी चाहिए। जिसके मन में जो भी संदेह ईवीएम को लेकर है, वह चुनाव आयोग की बेवसाइड पर जाकर अपने सारे सवालों के जवाब हासिल कर सकते है। यह बातें झांसी दौरे पर आये मुख्य निर्वाचन अधिकारी ओपी रावत ने कही।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ओपी रावत ने कहा उन्होंने यहां के जिलाधिकारी व अन्य अधिकारियों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि ईवीएम मशीन पर सवाल उठाने वाले यह भूल गए कि बैलेट पेपर से निर्वाचन में बूथ कैंप्चरिंग होती थी। ईवीएम के आने से यह खत्म हुई। यदि किसी को ईवीएम की कार्यप्रणाली पर किसी प्रकार का भी संदेह है तो हमारी साइड पर जाकर वह अपने सवालों के जवाब देख सकता है। उसे निश्चित ही संतुष्टि होगी। कुछ देशों में ईवीएम पर बैन है। क्यों बैन है? इसके जवाब भी हमारी साइड पर हैं। उन्होंने दावा किया कि हमारी ईवीएम सबसे अलग है। निकाय चुनाव व विधानसभा और लोकसभा चुनाव की अलग-अलग मतदाता सूची को लेकर उन्होंने बताया कि लोकसभा व विधानसभा चुनाव की मतदाता सूची एक ही होती है, जबकि निकाय चुनावों की सूची अलग बनाई जाती है। सूची में कुछ नाम कम होने अथवा गायब होने पर उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से बहुत काम हुआ। मतदाता सूची बनी। यह मतदाता सूची का ही कमाल है कि आज आज हमारे कुछ राज्यों में 90 प्रतिशत तक पोलिंग होती है। समय के साथ यदि सुधार की गुंजाइश पूरी हो जाएगी तो फिर सुधार की संभावनाएं भी खत्म हो जाएंगी।
लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की सवाल पर उन्होंने कहा कि संभावनाएं कभी खत्म नहीं होतीं। इसलिए इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने दावा किया कि वर्तमान में विश्व में भारत के चुनाव आयोग ने जो छवि बनाई है, उससे सारे विश्व के लोग हमारी ओर हसरत से देखते हैं और सीखने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझसे पहले के चुनाव आयुक्तों ने काफी मेहनत की और निष्पक्ष चुनाव कराने में अपना योगदान दिया। आने वाले आठ राज्यों के चुनाव भी हम निष्पक्ष कराएंगे।