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पेंशनर्स समाज के अनुभव का खजाना : न्यायमूर्ति

इलाहाबाद, 17 दिसम्बर (हि.स.)। पेंशनर्स के अधिकारों को लेकर 17 दिसम्बर 1982 को डी.एस नाकरा की अपील पर पूर्ण पीठ उच्च न्यायालय ने फैसला दिया, जिसे सरकार ने लागू किया व उसका लाभ सभी को मिल रहा है। तभी से पूरे देश में पेंशनर्स दिवस घोषित किया गया। आप सब समाज के अनुभव का खजाना है, जिसका लाभ समाज व सरकार को उठाना चाहिए व इनकी सुरक्षा, संरक्षा व सुविधाओं का सरकार व समाज को पूरा ध्यान देना चाहिए।

यह बातें न्यायमूर्ति सुभाष चन्द्र अग्रवाल ने रविवार को पेंशनर्स दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कही। उन्होंने कहा कि मुझे बहुत अच्छा लग रहा है कि इतनी बड़ी संख्या में इस देश व समाज का सबसे अनुभवी वरिष्ठ नागरिक, पेंशनर्स एकत्रित होकर पेंशनर्स दिवस मना रहा है। विनीता अस्पताल के निदेशक डॉ. बिन्दु विश्वकर्मा ने कहा कि सेवानिवृत्त हो चुके पेंशनरों की देख-रेख उचित तरीके से होनी चाहिए और यह काम उनके परिवार एवं समाज के लोग कर सकते हैं। कहा कि उनकी देख रेख के लिए अपने हास्पीटल में ईलाज के लिए एक कार्ड जारी किया है, जिसका लाभ पेंशनर्स उठा सकते हैं। कार्यक्रम में 80 वर्ष से ऊपर 16 पेंशनरों को सम्मानित भी किया गया।

इस अवसर पर वक्ताओं ने पेंशनरों की समस्याओं का निराकरण भी किया और उनकी सुविधाओं में हुई बढ़ोत्तरी के बारे में बताया। कार्यक्रम की शुरूआत सिविल लाइंस स्थित सुभाष चौराहे से पेंशनर्स एकता रैली निकालकर किया गया, जिसमें सैकड़ों पेंशनर्स शामिल रहे।

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