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पूर्व CM शीला दीक्षित का 81 साल की उम्र में हुवा निधन , PM मोदी और सोनिया गांधी ने दी श्रद्धांजलि, कल होगा अंतिम संस्कार

नई दिल्ली(20 जुलाई : दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रही पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस की कद्दावर नेता शीला दीक्षित का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. वह 81 साल की थीं. वह लंबे समय से बीमार चल रही थीं. उनका एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था. शीला दीक्षित साल 1998 से 2013 तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं. उनके नेतृत्व में लगातार तीन बार कांग्रेस ने दिल्ली में सरकार बनाई. वह सबसे लंबे समय (15 साल) तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं .

वही पीएम मोदी ने शीला दीक्षित की बहन के आवास पहुंचकर पूर्व सीएम को श्रद्धंजलि दी। उन्होंने यहां उनके बेटे और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित से मुलाकात भी की। यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने शीला दीक्षित की बहन के आवास पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। कई अन्य नेताओं ने भी उन्हें नमन किया।

 

शीला दीक्षित का अंतिम संस्कार रविवार को ढाई बजे दिल्ली के निगमबोध घाट पर होगा। शीला दीक्षित के निधन होने के बाद कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा कि अभी शीला दीक्षित के पार्थिव शरीर को उनके घर ले जाएंगे। कल सुबह AICC में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा और उसके बाद निगमबोध घाट पर  2:30 बजे शीला दीक्षित का अंतिम संस्कार किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शीला दीक्षित के निधन पर ट्वीट कर दुख व्यक्त किया।

 प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि शीला दीक्षित जी के निधन से गहरा दुख हुआ। उन्होंने कहा कि शानदार व्यक्तित्व की धनी शीला दीक्षित ने दिल्ली के विकास में अहम योगदान दिया। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना। ओम शांति।गृहमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती शीला दीक्षित जी के निधन से अत्यंत दुखी हूं मैं उनके परिजनों और समर्थकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हू़ं।ईश्वर दु:ख की इस घड़ी में उनके परिवार को शक्ति दे और दिवंगत आत्मा को चिर शांति प्रदान करे,  ॐ शांति शांति शांति। नेशनल कॉन्फ्रेंस उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर शीला दीक्षित के निधन पर शोक जताया है।

उन्होंने ट्वीट किया है कि शीला दीक्षित के निधन की खबर अत्यंत दुखद है। उन्होंने ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमत्री के तौर पर शीला दीक्षित ने शानदार काम किया, उन्होंने कहा कि भागवान उनकी आत्म को शांति दे। वहीं, शीला दीक्षित को दिल्ली का चेहरा बदलने का श्रेय दिया जाता है। उनके कार्यकाल में दिल्ली में विभिन्न विकास कार्य हुए।

 शीला दीक्षित ने महिलाओं की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र आयोग में 5 साल (1984-1989) तक भारत का प्रतिनिधित्व किया। वह प्रधानमंत्री कार्यालय में 1986 से 1989 तक संसदीय कार्यराज्यमंत्री रहीं। साल 1998 के लोकसभा चुनावों में शीला दीक्षित को भारतीय जनता पार्टी के लाल बिहारी तिवारी ने पूर्वी दिल्ली क्षेत्र में मात दी, बाद में वह मुख्यमंत्री बनीं।

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