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पालघर में मच्छरों की संख्या बढ़ाने के लिए पानप लाखो रूपये कर रही है खर्च. !

संजय सिंह ठाकुर ,

एक मच्छर इंसान को ………..बना देता है …… पालघर में मच्छरों की तो भरमार है……

सुनो कलेक्टर बांगर साहेब अब जिद छोडो .

अब तो देखो आप के पालघर की क्या होगई है हाल .कितना बदल गया ……..

 

पालघर में जिस प्रकार मच्छरों की संख्या में बढ़ोतरी हुयी है उससे अंदाजा लगाया जा सकता है की पालघर नगर परिषद मच्छरों को मारने के लिए नहीं बल्कि उनकी संख्या बढ़ाने के लिए हर महीनो लाखो रूपये खर्च कर रही है .

एक ज़माने में नाना  पाटकर का एक  डायलॉग की …..एक मच्छर इन्सान को…….. बना देता है.नाना पाटकर का यह डायलॉग एक ज़माने में खूब हिट हुआ था जो आज भी चल रहा है , लेकिन  सवाल उठता है की अगर एक मच्छर इन्सान को …..बना देता है . तो पालघर में मच्छरों की भरमार है फिर यंहा क्या होगा…….??????? पालघर नगर परिषद हर महीने मच्छरों की रोक थाम के लिए हर महीने  करीब दस  लाख रूपये खर्च करके टैक्टर द्वारा दवा का छिडकाव करवाती है. लेकिन इसके बावजूद भी मच्छरों की रोक थाम के लिए किये जा रहे दवा छिडकाव का कोई असर नहीं हो रह उल्टा  मच्छरों की संख्या दिन प्रति दिन बढती जा रही. सूरज ढलते ही मच्छरों की फौज बाहर निकल आती है. और इन मच्छरों का इतना आतंक है की फिर चाहे घर हो ,ऑफिस हो ,अस्पताल हो , यंहा तक की चाहे कलेक्टर ऑफिस क्यू ना हो सभी जगहों पर मच्छरो की फ़ौज बैंड बाजो के साथ अपने धुन में लोगो पर हमला करके पालघर वासियों के खून चुसना कर देते है. जिसके कारण  पालघर के लोग को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा  है .लोगो को  मच्छरो  से बचने के लिए हर महीनो हजारो  रूपये के लिकविड या क्वायल का प्रयोग करना पड़ रहा है . मच्छरों व उनसे बचने के लिए प्रयोग किये जाने वाले  केमकल  व क्वायल से लोगो में कई तरह की बिमारीया  फ़ैल रही है .अगर जानकारों  की माने तो उनका कहना है की पालघर नगर परिषद मच्छरों की रोक थाम के लिए टैक्टर देने का काम सिटीगार्ड नामक कंपनी के ठेकेदार को दिया है जिसने तीन टैक्टर की जगह एक ही टैक्टर लगाया है , साथ ही दवाई की सप्लाई करने का ठेका निलेश राउत और रोशन संखे नामक दो ठेकेदार को दिया है . लेकिन छिडकाव के लिए सप्लाई की गयी दवाओ की क्वालटी घटिया दर्जे की है . साथ ही उस दावा में पानी  ज्यादा और दावा नाम मात्र मिलाया जाता है  .जिसके कारण मच्छरों की रोक थाम के लिए हर महीने लाखो रूपये खर्च करके छिडकाव की जाने वाली दावाओ  का मच्छरों पर कोई असर नहीं हो रहा है .और मच्छर कम होने के वजाय बढ़ते जा रहे है. जिसमे एक बड़ा भ्रष्टाचार है जिसकी जाँच कर के दोषी अधिकारियो और ठेकेदार पर कार्यवाई करनी चाहिए .

मच्छरों द्वारा पानपा के अधिकारियो ,नगरसेवको ,ठेकेदारों को किया जायेगा सम्मानित .

पालघर में जिस प्रकार मच्छरों की संख्या तेजी से बढ़ी है .उससे मच्छरों में ख़ुशी का माहौल है. जिसे देखते हुए पालघर के मच्छरों ने एक सभा बुलाई थी जिसमे यह फैसला लिया गाय की सरकार हमारी प्रजाति को नष्ट करने के लिए हर महीने देश के कोने कोने में कई करोड़ रूपये खर्च कर रही जिसके कारण हम लोग अल्पसंख्यक हो गए है .लेकिन ख़ुशी की बात यह की पालघर नगर परिषद हमें मारने के लिए जिस दावा का छिडकाव कर रही उससे हमारी संख्या तेजी से बढ़ी है और हम लोग अल्पसंख्यक से निकल कर बहुसंख्यक की तरफ तेजी से बढ़ रहे इस लिए समाज के हित को देखते हुए हम लोगो ने पालघर नगर परिषद के अधिकारियो / नगर सेवको / सेविकावो /और ठेकेदारों को जल्द ही सम्मानित करने वाले है . जिसके लिए आज यह सभा बुलाई गयी है . इस सभा में यह फैसला लिया  गया  की इस सम्मान समारोह के लिए  पैसे को हम पानी की तरह बहाए गे . पालघर में चप्पे चप्पे पर  होर्डिंग ,बैनर भी लगाया जाएगा और पालघर के सभी लोगो जाहिर निमन्त्रण दिया जाएगा .

लेकिन सूरज ढलने के कारण मच्छरों की फ़ौज अपने अपने धंधे पर निकलने के लिये बेताब हो गयी जिसके कारण समय के आभाव में  इस मीटिंग में  यह  फैसला नहीं हो पाया कि किसको किस के हाथो से और कौन से   अवार्ड से सम्मानित किया जाय . सम्मानित करने लिए कौन सी जगह या हॉल चुना जाय साथ ही सम्मानित करने की तारीख का भी ऐलान नहीं हो पाया .जिसके लिए  जल्द ही दूसरी सभा बुलाकर निर्णय लिया जाएगा .

डॉ.में ख़ुशी की लहर .

पालघर में जिस प्रकार मच्छरों की संख्या बढ़ी है उससे पालघर में तरह तरह की बीमारियों की बाढ़ सी आगई है जिसके कारण सभी अस्पतालों पर मरीजो की लम्बी -लम्बी लाईने देखने को मिल रही वही मरीजो की लाइनों को देख कर कुछ डॉ .खुश नजर आरहे है उनका कहना है जब से अच्छे दिन का सपना दिखा कर  मोदी सरकार आई है .तब से चारो तरफ मंदी ही मंदी है . चलो भला हो पालघर नगर परिषद के लोगो का जिन्हों ने मच्छरों की संख्या को बढाने के लिए कई लाखो रूपये खर्च तो किया जिसके कारण पालघर में मच्छर तो बढे . आज उसी की देंन है हमारे अस्पतालों में मरीजो की लम्बी -लम्बी लाईने देखने को मिल रही है . नहीं तो इस मंदी में हमारा क्या होता ,साथ साथ गुड नाईट व मच्छरों को भागने के लिए क्वायल बनाने वाली कम्पनिया और उसे बेचने वाले दुकानदार भी खुश नजर आरहे है .

 

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