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पालघर में भी ‘ओखी’ तूफान का असर , बरसात के कारण मछली पकड़ने गई सभी नवका वापस आई

पालघर, केशव भूमि नेटवर्क (5 दिसंबर) : ओखी चक्रवात तूफान के कारण पालघर जिले में रात से बारिस शुरू है  , जिसे देखते हुए अरब सागर में मछली पकड़ने गए पालघर जिला की सभी नावकाए वापिस आ गयी है. वही पालघर जिला के कलेक्टर प्रशांत नारनवरे ने लोगो से सावधान रहने की अपील की है .

 मुंबई से सटे पालघर जिला में भी अरब समुंद्र में उठे ओखी चक्रवात तूफान का असर साफ तौर पर दिखाई दे रहा है ,इस बादल के कारण पालघर जिले में रात से बारिस हो रही है . जिसके कारण पालघर जिले में गहरे बादल छाये है और लोगो का जीवन अस्त व्यस्त नजर आ रहा है . हालांकि की इस बादल और तूफान को लेकर मौसम विभाग ने पहले से ही सुचना दे दिया था , जिसके बाद प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टी से पुरे जिले में एलर्ट जारी किया है ,और मंलवार को सभी स्कूल बंद रहे .

 देखा जाय तो पालघर जिला मुंबई और गुजरात दोनो से सटा हुआ हैइस जिले में अरब सागर का करीब 124 किलोमीटर का किनार पट्टा है. जिसके किनारे बसे सातपाटी ,केलवे ,दहानू ,झाई ,व आस पास के गाँव में बड़ी संख्या में मच्छीमार समाज रहता है.और बड़े पैमाने पर यह समाज अरब सागर  में मछली पकड़ने का काम करता है. यह समय मछली पकड़ने के लिए काफी अच्छा माना जाता है. जिसके कारण इस समाज के लोग अपनी अपनी नावकाए लेकर अरब समुंद्र में मछली पकड़ने के लिए गए थे.

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 लेकिन ओखी चक्रवात को देखते हुए प्रशासन की चेतावनी के बाद सभी मच्छीमार अपनी अपनी नावकाए लेकर वापस आ गये है. आने वाले समय  मे इस  तूफान का असर पालघर जिले में और बढ़ सकता है .हालांकि की इस बारिस व तूफान के कारण जिले से किसी प्रकार की अप्रिय घटना अभी तक सामने नहीं आई है .

 क्या है ओखी चक्रवात तूफान 

 ओखी चक्रवात तूफान एक सक्रिय उष्णकटिबंधीय चक्रवात हैं. यह वर्तमान में भारत के दक्षिणी क्षेत्र में सक्रिय हैंऔर 2015 के मेघ चक्रवात के बाद अरब सागर में मौजूद सबसे तीव्र तूफान हैं। 2017 के उत्तर हिंद महासागर का सबसे तेज़ तूफान ओखी , 29 नवंबर को श्रीलंका के पास अशान्त मौसम के क्षेत्र से उत्पन्न हुआ था। लेकिन भूमि के निकटता के कारण महत्वपूर्ण रूप से सुदृढ़ होने से यह तुफान रुका हुआ था. हालांकि इसके अरब सागर में प्रवेश करते हीअनुकूल परिस्थितियों के कारण दिसंबर से इसमें तेजी देखे जाने लगी। अब तकइस तुफान द्वारा कम से कम 26 लोग मारे गए हैं।

 

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