पालघर नगर परिषद में मच्छरों की रोकथाम के नाम पर लाखो रूपये का भ्रष्टाचार ! नकली दवा छिडककर ठेकदार लोगो के जान और स्वास्थ्य के साथ कर रहा खिलवाड़
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संजय सिंह ठाकुर पालघर,5 अगस्त : मुंबई से सटे पालघर जिला के पालघर नगर परिषद द्वारा मच्छरों की रोकथाम के लिए अधिकरियो और ठेकेदार की मिली भगत से फ़ेन्थिओन (Fenthion) नामक नकली दवा पर 45 लाख रूपये खर्च करने व इसमें भ्रष्टाचार करने का मामला सामने आया है .
बता दे की पालघर नगर परिषद मच्छरों की रोकथाम के लिए हर साल लाखो रूपये का दवा का छिडकाव करवाती है ताकि मच्छरों पर नियंत्रण पाया जा सके .वही 30 जुलाई को हुई नगर परिषद् की मीटिंग में नगरसेवक कैलाश म्हात्रे ने मुख्याधिकारी और उनके कुछ कर्मी पर ठेकेदार से सांठ गांठ करके इस दवा के छिडकाव के नाम पर लाखो रूपये का भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाते हुए कहा की नगर परिषद मच्छरों के रोक थाम के लिए कलकत्ता की निटापॉल लि .नामक कंपनी की फ़ेन्थिओन नामक जिस दावा का प्रयोग ठेकेदार से करवा रही है वह दवा नकली है .इस दवा का खेती ,मछली ,प्राणियों और इंसान पर हो रहे दुष्परिणाम को देखते हुए सरकार ने 15 दिसम्बर 2016 में इस दवा के आयात और उत्पादन पर पर प्रतिबंध लगा दिया है.
इस दवा को खरीदने के पहले हरियाणा के फरीदाबाद में इसकी इंट्री करवानी पड़ती है .लेकिन फरीदा में इस दवा की खरीद फरोख के लिए किसी भी प्रकार की इंट्री नहीं करवाई गई है फिर यह दवा कहा से आरही है.
जब सुचना अधिकार के तहत म्हात्रे ने इसकी जानकारी निकाली तो और चौकाने वाली बाते सामने आई 10 लीटर दवा के लिए नगर परिषद् को 21 हजार रूपये देने पड़ रहे थे और यह सिलसिला 2016 से शुरू है जबकि 2017 में नगर परिषद् की एक सभा म्हात्रे ने इसकी जानकारी मुख्याधिकारी और ठेकेदार को दिया था . लेकिन म्हात्रे द्वारा दी गई जानकारी को संज्ञान में नहीं लेते हुए मुख्याधिकारी और नगर परिषद् के अन्य कुछ दुसरे अधिकारी ठेकेदार से सांठ गांठ करके इस नकली दवा का धडल्ले से छिडकाव करवा रहे है .
इस लिए लोगो के जान के साथ खिलवाड़ करने वाले अधिकारियो और ठेकेदार पर नगर परिषद् को तुरंत फौजदारी मामला दर्ज करना चाहिए अगर नगर परिषद् इन अधिकारियो मामाल दर्ज नहीं करती तो मजबूरन हमें दर्ज करवाना पड़ेगा क्यों की यह लोगो के जान और स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है .
वही यह मामला सामने आते ही सभी नगरसेवको ने म्हात्रे के स्वर में स्वर मिलते हुए कहा की ठेकेदार को दिए गए टेंडर को तुरंत रद्द करके फिर से टेंडर निकालने की बात करते हुए इस मामले की जाँच करके दोषी अधिकारियो और ठेकेदार पर कार्यवाई की मांग करने लगे .
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