पालघर नगर परिषद चुनाव को लेकर राजनितिक सरगर्मियां तेज, 3 महीने बाद होना है चुनाव ,नगराध्यक्ष का जनता करेगी सीधा चुनाव
संजय सिंह ठाकुर
केशव भूमि नेटवर्क , पालघर : पालघर में 3 महीने बाद होने वाले पालघर नगर परिषद चुनाव को लेकर राजनितिक सरगर्मियां तेज हो गयी है .वही चुनाव लड़ने के लिए इच्छुक उम्मीदवार अपनी उम्मीदवारी पक्की करने और पार्टी का टिकट हासील करने के जुगाड़ में जुट गए है.जबकि इस बार नगराध्यक्ष के लिए महिला ओपन सिट होने के साथ – साथ नगराध्यक्ष को सीधा जनता चुनने वाली है .
बता दे की 28 सिट नगरसेवको वाली पालघर नगर परिषद् का 2014 में हुए चुनाव की तारीख अप्रैल महीने में ख़त्म हो रही है .और 15 मार्च 2019 के बाद कभी भी चुनाव की तारीख घोषित हो सकती है जिसे देखते हुए चुनाव आयोग और प्रशासन चुनाव की तैयार में जुट गया है . चुनाव आयोग के निर्देशनुसार पालघर नगर परिषद् में 14 प्रभाग क्रमांक बनाये गए है जिसमे एक प्रभाग से एक महिला और एक पुरुष उम्मीदवार का पैनल बनाया गया है . इस प्रस्ताव को मान्यता के लिए 30 नवम्बर को पालघर के डीएम के पास भेजा जायेगा .खास बात यह है की इस बार चुनाव में महिलाओ को 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया है और नगराध्यक्ष को सीधा जनता चुनने वाली है . जबकि इसके पहले चुनकर आये नगरसेवक ,सेविका नगराध्यक्ष का चुनाव करते थे .
वही पालघर नगर परिषद चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आते जा रहा है, वैसे-वैसे सभी राजनितिक पार्टियों में राजनीति हलचल तेज हो गई जहां उम्मीदवार अपनी उम्मीदवारी को लेकर फील्डिंग लगाना शुरू कर दिया है. जिसमे कुछ ऐसे लोग भी हैं जो दूसरी पार्टियों में अपना भविष्य देख रहे हैं. इस चुनाव में अब देखने वाली बात होगी कि पुराने नगर सेवकों में से कौन सी पार्टी किस नगरसेवक को फिर से अपना उम्मीदवार बनाती है और किसको बाहर का रास्ता दिखाती है .जबकि नगराध्यक्ष पद के उम्मीदवार को लेकर चर्चा बाजार गर्म है की शिवसेना ,बीजेपी दूसरी पार्टियों से इम्पोर्ट करके अपने पार्टी का नगराध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार बना सकती है .पालघर नगर परिषद् में शिवसेना की सत्ता है जिसमे 28 नगर सेवको में से शिवसेना के 17,एनसीपी के 10 और कांग्रेस की एक नगर सेविका है .
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हालांकि इस बार शिवसेना, कांग्रेस, राष्ट्रवादी, बहुजन विकास अघड़ी, के साथ साथ पालघर नगर परिषद् में अपना खाता खोलने के लिए बीजेपी भी अपनी पूरी ताकत से मैदान में उतरने की तैयारी में जुटी हुई है .अगर 20 साल का इतिहास देखा जाय तो पालघर नगर परिषद् में एक बार छोडकर अभी तक बीजेपी का खाता भी नहीं खुला है.