पालघर जिला : पिता की अर्थी को घर पर छोड़कर नम आँखों से इन जुडवा बहनों ने दिया 12वीं की परीक्षा
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केशव भूमि नेटवर्क ,14 मार्च (palghar) : पालघर जिला के दहानू तहसील में दिल को छू लेनी वाली एक घटना सामने आई है . जहा दीपिका और पूजा चौधरी नामक दो जुडवा बहनो ने अपने पिता की अर्थी को घर पर छोड़कर सिसक-सिसक कर रोते हुए 12वीं की परीक्षा देने लिए कालेज पहुंच गई .जिसे देखकर लोग हैरान रह गए !
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आप इस बात का अंदाजा लगा सकते है कि जब किसी के परिवार में किसी सदस्य की मौत हो जाती है तो उस परिवार पर उस समय क्या बीतती है. खासकर जिन बच्चों के पिता हो उन पर क्या बीतती है इसका अंदाजा आप खुद लगा सकते है. आज ऐसे ही एक घटना के बारे में हम आप को बताने जा रहे है. जिसे पढ़कर यह घटना आप के दिल को छू जाएगी और आप की आंखे भर आएंगी .
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बताया जा रहा है कि दहानू तहसील के धुंदलवाडी गांव के रहने वाले विनोद चौधरी (45) काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे .और सोमवार रात में उनकी मौत हो गई .मंगलवार दोहर करीब 12 उनका अंतिम संस्कार होना था .लेकिन उसी दिन उनकी जुड़वाँ बेटियों दीपिका और पूजा चौधरी की भूगोल की परीक्षा थी. जिसे देखते हुए इन बहनों के सामने धर्म संकट निर्माण हो गया कि की पिता की अर्थी को छोड़कर वह परीक्षा देने के लिए कैसे जाए ?
आखिर में दीपिका और पूजा दोनों बहनो ने काफी सोच बिचार करने के बाद अपने पिता की अर्थी को छोड़कर सिसक -सिसक कर रोते हुए नम आंखो से 12 वी की परीक्षा देने के लिए दपचारी में स्तिथ विनायक बी पाटील कला व वाणिज्य महाविद्यालय में पहुंच गई .
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कालेज में इन बहनों को सिसक-सिसक कर रोते हुए देखकर कालेज के प्रिंसपल तुवरसर, प्राध्यापक विनोद सोनवणे व शिक्षको ने जब इनसे रोने के कारण को पूछा तो उनके पैरो तले जमीन खिसक गई . दोनों बहनों के साहस को देखकर उनकी भी आँखे नम हो गई .जिसके बाद तुवरसर लडकियों के हौसले को बढाते हुए उन्हें परीक्षा केंद्र तक ले गए . हालंकि की जब यह बहने परीक्षा देकर घर वापिस लौटी तभी तक इनके पिता का अंतिम संस्कार हो चूका था .
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