पालघर जिला परिषद में भाजपा हटी पीछे, शिवसेना और एनसीपी महाअघाड़ी नें किया कब्ज़ा
पालघर : पालघर जिला परिषद में आज अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में अध्यक्ष पद पर शिवसेना की वैदेही वाढाण और उपाध्यक्ष पद पर एनसीपी के ज्ञानेश्वर उर्फ शिवा सांबरे को निर्विरोध चुना गया. इनके विरोध में अध्यक्ष पद के लिए भाजपा की सुरेखा थेतले नें और उपाध्यक्ष के लिए भाजपा के महेंद्र भोणे ने अपना नामांकन भरा था. लेकिन चुनाव से कुछ देर पहले ऊपर से आदेश है यह कहते हुए इनके द्वारा अपना नामांकन पीछे लेने के बाद यह चुनाव निर्विरोध हुवा. इस अवसर पर शिवसेना के मंत्री एकनाथ शिंदे , दादाजी भूसे ,एनसीपी के मंत्री जितेंद्र आव्हाड व बड़ी संख्या में महाआघाडी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्तिथ थे.
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वही 2020 में 57 सीटों वाली पालघर जि.प. में हुवे चुनाव में भाजपा को 12 सिट,शिवसेना को 18 सिट ,राष्ट्वादी कांग्रेस को 15 सिट ,बविआ को 4 सिट सीपीएम को 5 सिट ,निर्दलियो को 2 सिट और कांग्रेस को एक सिट पर जित हासिल हुई थी. जिसके बाद भाजपा को छोड़कर बाकी सभी पार्टियों नें आपस में गठबंधन कर सवा साल सवा साल की शर्त पर अध्यक्ष पद शिवसेना और उपाध्यक्ष पद एनसीपी को देते हुए जिला की सत्ता पर कब्ज़ा कर लिया था. जिस शर्त के तहत सवा साल पुरे होने के बाद शिवसेना की जिला परिषद अध्यक्ष भारती भरत भरत कामडी ने अपने पद से स्तीफा दे दिया था. और एनसीपी के उपाध्यक्ष निलेश सांबरे की सदस्यता ओबीसी आरक्षण को लेकर आए सुप्रीमकोर्ट के फैसले के बाद रदद् हो गई थी.
वही दूसरी तरफ ओबीसी आरक्षण को लेकर आए सुप्रीमकोर्ट के फैसले के बाद अब जिला परिषद में बचे सदस्यों की संख्या पर नजर डाले तो जिला परिषद में एनसीपी के चुनकर आए 15 सदस्यों में से 8 सदस्य ,भाजपा के 15 सदस्यों में 8 सदस्य ,शिवसेना के 18 सदस्यों में 15 सदस्य , सीपीएम के 5 सदस्यों में 4 सदस्य बचे है.