पालघर जिला के सफाले में समाज सेवक लुटेरा गिरफ्तार .
केशव भूमि नेटवर्क := मुंबई से सटे पालघर जिला के सफाले पुलिस ने सफाले में कुछ महीने पहले कमल ज्वेलर्स में लाखो रूपये के चोरी हुए गहने के मामले में एक ऐसे चोर को गिरफ्तार किया है की जो लोगो के बंगलो ,ज्वेलर्स में चोरी और लुट करके समाज सेवा का काम करता था .
मिली जानकारी के अनुसार देवाशीष वरापत उम्र करीब 39 साल नामक यह चोर मूल रुप से पश्चिम बंगाल का रहने वाला है . यह ग्रेजुएट है इसने कलकत्ता यूनिवर्सिटी से बी कॉम की डिग्री ली है .सफाला पुलिस की पूछताच में इसने अपने गुनाह कबुल करते हुए पुलिस को बताया की वह रोजी रोटी की तलाश में मुंबई आया था और अँधेरी के एक हिरा कम्पनी में कारीगर का काम करता था उसके बदले कम्पनी इसे 22000 हजार रूपये तनख्वाह देती थी . और यह कल्याण में रहता था लेकिन 2007 में कल्याण पुलिस ने फ्रिज ,टीवी ,चोरी के झूठे केस में फसा दिया जिसमे कल्याण कोर्ट ने उसे अपने गारंटी पर जमानत पर छोड़ दिया और जब वह किसी तरह जमानत पर छुट कर आया तो उसे फिर दुसरे चोरी के झूठे केस में फसा दिया गया ,जिसके बाद इसकी नौकरी चली गयी .
सूत्रों की माने तो दुबारा छूटने के बाद यह जब मिरारोड़ में अपने एक दोस्त को मिलने आया था तो मीरा रोड की पुलिस ने इसे फिर झूठे चोरी के केस में अन्दर कर दिया और इससे कहा मै तुझे मुम्बई के झवेरी बाजार में लेकर एक दुकान पर चलता हु . वहा तु बोलना हमने डेढ़ किलो सोना बेचा है जिसमे से 10 प्रतिशत तुझे भी दूंगा लेकिन इसने उस अधिकारी की बात नहीं मानी जिसके बाद उस अधिकारी ने इसे बहुत परेसान किया .
किसी तरह जब वह फिर जमानत पर छूटा तो नौकरी चली जाने के कारण वह एक एक पैसे को मोहताज हो गया, जिसके बाद उसने चोरी करना शुरू कर दिया कुछ पैसा आने के बाद उसने उस पुलिस अधिकारी को मारने के लिए एक हथियार ख़रीदा .लेकिन पुलिस अधिकरी को मारने में वह सफल नहीं हो पाया .
चोरी के लिए इसने बनाये अपने कुछ सिद्धांत……………..
चोरी करने के लिए उसने अपने कुछ सिद्धांत बनाये थे जिसके तहत वह किसी गरीब के घर चोरी नहीं करता था . वह चोरी के लिए उस बंगले को अपना निशाना बनाता था जो बंगला एकांत जगह पर होता था .और बंगले के बाहर कम से कम दो कार खड़ी हो .अगर किसी ने अपने बंगले में गाय ,भैस ,कुत्ता पाल रखा है तो वह उस बंगले में चोरी नहीं करता . क्योंकी वह सोचता था अगर चोरी के दौरान कुछ हो गया तो इन जानवरों का पालन पोषण कौन करेगा . इसलिय वह इन बंगलो में चोरी नहीं करता था . खास बात यह है की वह अगर कोई महिला या लड़की .बुजुर्ग महिला ने गहना पहना रखा है तो उसे वह नहीं छीनता था , न हीं चोरी के दरमियान किसी महिला, लड़की, बुजुर्ग पर गोलिया चलाता था और अपने साथियों को यह धमकी भी दे रखा था की अगर चोरी के दौरान किसी ने किसी महिला की इज्जत लुटने व उस पर हमला करने की कोशिश की तो वह उसको गोली मार देगा .
गुजरात के बलसाड में करीब 5 फ़रवरी 2015 को इसने एक घटना को अंजाम दिया था जिसमे इसने एक व्यपारी पर करीब 4 राउंड गोलिया चलायी थी जिसमे वह व्यापरी जख्मी हो गया फिर उसे दया आई और वह खुद उस व्यापरी को इलाज के लिए अस्पताल ले गया .चोरी के करीब 90 प्रतिशत पैसे से वह कैंसर पीड़ित, भिखारियों के इलाज ,गरीबो की मद्दत .व जख्मी और बीमार जानवरों के इलाज के लिए खर्च करता था . इसके ऊपर महाराष्ट्र और गुजरात में चोरी , लूटमार और फायरिंग के कई मामले दर्ज है .
यह लुटेरा सफले पुलिस और पुलिस निरीक्षक मानसिंग पाटिल से इतना प्रभावित हुआ की वह छुट कर एक अच्छा इन्सान बनकर समाज सेवा करना चाहता है .