पानमा पेपर्स मामले का खुलासा करने वाली पत्रकार की हत्या
वलेत्ता, 17 अक्टूबर (हि.स.)। माल्टा सरकार का पनामा पेपर्स से संबंधों का खुलासा करने वाली पत्रकार-ब्लॉगर डेफ़ने कारूआना गलिट्स की एक कार बम धमाके में मौत हो गई है। यह जानकारी मंगलवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली।
53 वर्षीय गलिट्स ने माल्टा के प्रधानमंत्री जोसेफ़ मस्कट और उनकी पत्नी के पनामा पेपर्स से जुड़े होने के आरोप लगाए थे। लेकिन प्रधानमंत्री और उनकी पत्नी ने अज़रबैजान के शाही परिवार से मिले धन को छिपाने के लिए दूसरे देशों में बैंक अकाउंट खुलवाने के आरोपों का खंडन किया था।
हालांकि, गलिट्स के आरोपों की वजह से पीएम मस्कट की पार्टी ने समय से पहले चुनाव का ऐलान किया था जिसमें मस्कट की जीत हुई है। इसके चार महीने बाद ही गलिट्स की कार बम धमाके में मौत हुई है।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, गलिट्स कार चलाते हुए अपने घर से निकली ही थीं कि उनकी कार में धमाका हो गया। धमाके के बाद कार के टुकड़े आसपास के खेतों और सड़क पर देखे गए हैं।
रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि गलिट्स के बेटे ने धमाके की आवाज़ सुनी और वे घर से बाहर की ओर भागे।
वैसे पुलिस ने अब इस हत्या की जांच शुरू कर दी है। माल्टा के एक टीवी चैनल ने बताया है कि गलिट्स ने दो हफ़्ते पहले पुलिस में धमकियां मिलने की शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन इसके बाद कोई जानकारी नहीं दी।
प्रधानमंत्री जोसेफ़ मस्कट ने गलिट्स की हत्या को निंदनीय बताया है। उन्होंने एक टीवी कार्यक्रम में कहा, “मैं किसी भी व्यक्ति और हमारे देश में बोलने की आज़ादी पर इतने बर्बर हमले की निंदा करता हूं।”
उन्होंने आगे कहा, “सभी जानते हैं कि गलिट्स व्यक्तिगत और राजनीतिक रूप से मेरी कड़ी निंदक थीं. लेकिन इस घटना को किसी भी तरह से ठीक नहीं ठहराया जा सकता और मैं इस मामले में न्याय होने तक आराम नहीं करूंगा।”
प्रधानमंत्री मस्कट के प्रवक्ता ने बीबीसी से बात करते हुए कहा कि इस हमले के राजनीति से प्रेरित होने की अफ़वाहें चल रही हैं, लेकिन यह कहना अभी उचित नहीं होगा। इसी बीच गलिट्स के परिवार ने इस मामले में न्यायिक जांच की मांग की है।