इस्लामाबाद, 18 अप्रैल (हि.स.)। पुलिस कार्रवाई के दौरान शुक्रवार को लाहौर में गिरफ्तार की गई लड़की नौरीन लग़ारी के मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है। अब यह कहा जा रहा है कि वह कभी सीरिया गई ही नहीं थीं। लेकिन इससे पहले पाकिस्तानीआतंकवाद विरोधी विभाग के एक बयान में कहा गया था कि वह सीरिया में दो महीने रह कर छह दिनों पहले स्वदेश लौटी थीं। यह जानकारी मंगलवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली।
समाचार पत्र डॉन के अनुसार, पाकिस्तानी फौज़ की जनसंपर्क शाखा (आएसपीआर) के मेजर जनरल आसिफ गफूर ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि नौरीन लग़ारी कभी सीरिया गई ही नहीं थीं और वह हैदराबाद से लाहौर आई थीं।
संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों को नौरीन का एक इकबालिया बयान दिखाया गया। इस बयान में नौरीन के हवाले से कहा गया है, “मेरा किसी ने अपहरण नहीं किया। मैं अपनी मर्जी से लाहौर आई थी।”
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नौरीन लग़ारी का यह भी कहना था कि उन्हें आत्मघाती हमलावर की तरह इस्तेमाल किया जाना था और उनका लक्ष्य किसी चर्च पर हमला करना था। उन्हें ‘संगठन’ की ओर से कार्रवाई के लिए हथियार भी दिए गए थे।
उल्लेखनीय है कि मेडिकल छात्रा नौरीन लग़ारी इसी साल दस फरवरी को लियाक़त यूनिवर्सिटी ऑफ़ मेडिकल साइंस से लापता हुई थीं। बाद में सोशल मीडिया पर एक संदेश में नौरीन लग़ारी का कहना था कि वह चरमपंथी संगठन इस्लामिक स्टेट में शामिल होने सीरिया रवाना होने वाली हैं। वह सिंध विश्वविद्यालय में रसायन शास्त्र के प्रोफेसर डॉक्टर अब्दुल जब्बार लग़ारी की बेटी हैं।
डॉक्टर अब्दुल जब्बार लग़ारी ने बीबीसी से बात करते हुए कहा था कि जो भी जानकारी मिली हैं वह मीडिया से मिली हैं और किसी एजेंसी ने उनसे इस बारे में संपर्क नहीं किया है।