पाकिस्तान में मणिशंकर के फिर बिगड़े बोल कहा, भारत में अराजकता का माहौल
नई दिल्ली (ईएमएस)। चुनावों से ठीक पहले विवादित बयान के लिए मशहूर कांग्रेसी नेता मणिशंकर अय्यर ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। अय्यर ने पाकिस्तान में भारत के हालात का ठीक नहीं बताया, वहीं मोहम्मद अली जिन्ना की शान में कसीदे पढ़े। उन्होंने कहा कि देश के विभाजन के लिए जिन्ना जम्मेदार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भारत में इस समय हालात ठीक नहीं हैं। दो राष्ट्र के सिद्धांत का समर्थन करने वाले सत्ता में हैं। बता दें कि मणिशंकर अय्यर इन दिनों पाकिस्तान में हैं। वह लाहौर में एक इंटरनेशनल कॉफ्रेंस में शिरकत करने पहुंचे हुए हैं। वहां उन्होंने कहा, मैंने जिन्ना को कायदे आजम कहा तो सवाल उठा कि एक भारतीय पाकिस्तान जाकर ऐसा कैसे कह सकता है। मैं ऐसे कई पाकिस्तानियों को जानता हूं, जो मोहनदास गांधी को महात्मा गांधी कहते हैं, क्या वे इस तरह कहने से पाकिस्तान के देशद्रोही हो गए?
अय्यर ने कहा कि भारत में हालात सामान्य नहीं हैं। उन्होंने कहा कि 1923 में सावरकर ने हिंदुत्व शब्द की रचना की। यह शब्द किसी भी धार्मिक ग्रंथ में नहीं है। उन्होंने कहा कि दो राष्ट्र सिद्धांत के समर्थक थे, सावरकर। उन्होंने कहा कि पिछले आम चुनाव में देश की 70 फीसदी जनता ने मोदी के खिलाफ वोट किया था, लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाए, क्योंकि वह आपस में ही बंटे हुए थे। उम्मीद है कि यह 70 फीसदी जनता एक साथ आएगी और देश को अराजकता भरे माहौल से मुक्ति दिलाएगी। बता दें कि मणिशंकर अय्यर हमेशा चुनावों से पहले कुछ इस तरह का बयान देते हैं, जिससे चुनावी हवा का रुख बीजेपी की तरफ मुड़ जाता है।
गुजरात चुनाव से ठीक पहले उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए गलत शब्दों का इस्तेमाल किया था। इन्हीं शब्दों को मोदी ने भुना लिया था। 2014 के लोकसभा चुनावों में अय्यर ने प्रधानमंत्री पद के भाजपा के दावेदार नरेंद्र मोदी के लिए चाय वाला शब्द का इस्तेमाल किया था। यह चाय वाला शब्द आम चुनावों में एक प्रमुख मुद्दा बनकर उभरा था। अब जबकि कर्नाटक के चुनाव नजदीक आ गए हैं, तो उन्होंने एक बार फिर पाकिस्तान में जाकर भारत के खिलाफ बयानबाजी की है। इसीलिए उन्हें कुछ लोग भाजपा का छिपा हुआ समर्थक भी कहते हैं। गौरतलब है कि कांग्रेस ने मणिशंकर अय्यर को गुजरात चुनावों से पहले पार्टी से बाहर कर दिया था। पार्टी से निष्कासन के बाद वह कई बार दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में नजर आए तो अन्य नेताओं ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी।