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पाकिस्तान के सेना प्रमुख को गले लगाने को लेकर सिद्धू ने दिया एक और बयान

नई दिल्ली: पंजाब के मंत्री और कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख को गले लगाने को लेकर नया बयान दिया है. उन्होंने बुधवार को कहा कि सेना प्रमुख को गले लगाना सिर्फ एक झप्पी थी न कि रफाल सौदा. साथ ही सिद्धू ने कहा कि इस पूरे मामले को जानबूझकर बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया गया है.

क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू की कांग्रेस पार्टी ने केन्द्र की भाजपा नीत सरकार पर राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर हमलावर रूख अपनाया हुआ है और उसका आरोप है कि इस मामले में करोड़ों रुपयों का घोटाला हुआ है. रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के यह कहने के बाद, कि इस कदम ने भारत के सैनिकों का मनोबल गिराया है, सिद्धू ने संवाददाताओं से कहा कि आपने यह मुद्दा फिर से उठाना शुरू कर दिया. सिद्धू इतने महत्वपूर्ण व्यक्ति हो गए हैं कि रक्षा मंत्री बयान देती हैं. यह केवल एक झप्पी थी. यह साजिश नहीं थी, झप्पी राफेल सौदा नहीं है, झप्पी गुरसिखों पर गोलियां चलाना नहीं है.

उन्होंने सवाल किया कि आप सिखों की भावनाओं की बात नहीं कर रहे हैं , आप एक सेकंड की भावुकता में गले लगने की घटना को बढ़ा चढ़ा कर कह रहे हैं. क्या यह साजिश है? मंगलवार को सीतारमण ने कहा कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख को गले लगाने के सिद्धू के कदम ने भारतीय सैनिकों पर असर डाला. उन्होंने कहा कि पंजाब के मंत्री इसे टाल सकते थे. गौरतलब है कि सिद्धू ने पिछले महीने प्रधानमंत्री के रूप में इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए पाकिस्तान के दौरे पर पाकिस्तान के सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा को गले लगाया था. इस प्रकरण से खासा विवाद पैदा हो गया था. खान पूर्व क्रिकेटर हैं.

सिद्धू ने सवाल किया कि क्या भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच में खिलाड़ी हाथ नहीं मिलाएंगे. उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री जो कि एक अच्छे इंसान हैं और यहां कई मैच खेल चुके हैं, भारतीय टीम से हाथ मिलाते हैं या विराट (कोहली) जैसे खिलाड़ी को गले लगाते हैं तो क्या वह उन्हें पीठ दिखाएंगे? इससे पहले सिद्धू ने कहा था कि उन्होंने बाजवा को तब गले लगाया था जब उन्होंने उनसे कहा था कि पाकिस्तान भारत के पंजाब से आने वाले सिखों के लिए करतारपुर सीमा खोलेगा ताकि वे पाकिस्तान में स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जा सकें.

भाजपा के सहयोगी दल शिरोमणि अकाली दल को आड़े हाथ लेते हुए उन्होंने कहा कि वे ‘‘हताश’’ हैं और उन्होंने अकाली दल पर करतारपुर साहिब गुरुद्वारा गलियारे मुद्दे पर अड़चनें पैदा करने का आरोप लगाया.

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