पहले गैंगरेप, गर्भपात, शादी, अब पंचायत ने जुर्माना लगाकर इस नाबालिग को गांव से बाहर निकाला !
ललितपुर, 17 मई = जिले में कानून को धता बताते हुए पंचायत के तुगलकी फरमान ने एक नाबालिग गैंगरेप पीड़िता की आवाज को दबा दिया। दबंगों ने जहां उसका जबरन गर्भपात कराया, वहीं पंचायत ने पीड़ित परिवार को पुलिस के पास नहीं जाने दिया। इसके बाद लड़की की दूसरी जगह जबरन शादी कर दी गई।
ससुराल वालों को जब लड़की के साथ हुई घटना की जानकारी मिली तो उन्होंने भी उसे निकाल दिया। ऐसे में लड़की के भाई ने जब पुलिस की शरण ली तो नाराज पंचायत ने उस पर 15 हजार का जुर्माना लगाते हुए परिवार का हुक्का पानी बन्द कर दिया और उन्हें गांव से निकालने का फरमान सुना दिया। यहां तक गांवों के हैण्डपम्पों पर परिवार के पानी भरने का भी विरोध होने लगा। अब जाकर बुधवार को इस मामले में पुलिस ने 05 लोगों के खिलाफ गैंगरेप की रिपोर्ट दर्ज की है।
कोतवाली सदर क्षेत्र के गंगा सागर गांव में बीती 15 अप्रैल को पांच दबंगों ने एक नाबालिग किशोरी का अपहरण कर उसे अपनी हवस का शिकार बनाया। बाद में जब लड़की गर्भवती हो गई तो उसका जबरन गर्भपात भी करा दिया गया। परिजनों ने जब पुलिस के पास जाना चाहा तो उन्हें पंचायत में उलझा दिया गया। वहीं लड़की की दूसरी शादी करा दी गई, लेकिन बाद में ससुराल वालों ने भी उसे छोड़ दिया।
इस मामले मे हुई पंचायत से जुड़े पंच प्रमुख खुमान सिंह के मुताबिक 18 गांव के लोगां की पंचायत हुयी थी जिसमें दोनों पक्षों पर दण्ड लगाया गया था। पीड़ित परिवार पर 10 हजार और आरोपियों पर 5-5 हजार जुर्माना लगाया गया था। इसके साथ ही हुक्का-पानी बन्द करने का फैसला हुआ था। हैरानी वाली बात है कि पंच को इस बात का ऐतराज है इसके बावजूद पीड़ित परिवार गांव में अन्य शादियों में जा रहा है, लेकिन पीड़ित पर 10 हजार और आरोपियों पर 5 हजार का जुर्माना और खुली छूट पंचायत के न्याय को बेनाकब करने के लिए काफी है।
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उधर शुरूआत में अपराधियों के साथ खड़ी नजर आयी पुलिस ने अब दबाव पड़ने पर सभी पांच नामजद लोगों विजय सिंह, जयहिन्द, पुष्पेन्द्र, सुममेर सिंह और गोविन्द सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। इसके साथ ही पीड़िता के 164 के बयान दर्ज कराते हुए मेडिकल कराया गया है। वहीं पुलिस उपाधीक्षक सदर हिमांशु गौरव पंचायत होने को लेकर शिकायत के आधार पर भी कार्रवाई की बात कह रहे हैं।
इस मामले में पहले दंबगों ने पीड़िता की इज्ज्जत को तार-तार किया, बाद में पंचायत, ससुराल पक्ष और पुलिस के रवैये ने उसके जख्मों को और गहरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी…पीड़िता अपने और परिवार के साथ हुए इस सलूक को शायद ही कभी भूल पायेगी…आरोपी भले ही गिरफ्तार हो जाएं, लेकिन जो सलूक समाज ने नाबालिग के साथ किया है, उसके जख्म शायद ही कभी भर पाएं।