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नई दिल्ली, 31 दिसम्बर= दिल्ली के 21वें उपराज्यपाल बने अनिल बैजल के अनुसार केंद्र और दिल्ली सरकार का तनाव काल्पनिक है। उन्होंने शनिवार को राजनिवास में सुबह 11 बजे उपराज्यपाल पद के लिए शपथग्रहण की और नजीब जंग की जगह ली। अनिल बैजल को पद की शपथ दिल्ली हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस जी. रोहिणी ने दिलाई।
शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी, दिल्ली सरकार के वरिष्ठ नौकरशाह और कई अन्य जाने-माने लोग उपस्थित थे।
शपथ लेने के बाद अनिल बैजल ने कहा, ‘बैजल ने कहा कि राष्ट्रपति और पीएम का आभारी हूं, जिन्होंने मुझे यह मौका दिया। दिल्ली की समस्याओं को कम करने का प्रयास करेंगे। हम सब जानते हैं कि क्या प्रॉब्लम है। दिल्ली सरकार के साथ तनाव पर कहा काल्पनिक चीजों पर कुछ नहीं कहूंगा। मुझे नहीं पता की सुधरेंगे की नहीं या कैसे सुधरेंगे। बैठकर बात करेंगे। देखेंगे कि क्या होगा। दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा के मामले पर उन्होंने कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है। सुप्रीम कोर्ट तय करेगा फिर देखेंगे।‘
नौकरशाही पर नियंत्रण समेत कई विवादास्पद मुद्दों पर आप सरकार और केंद्र के बीच टकराव बढ़ने की पृष्ठभूमि में बैजल ने आज दिल्ली के उपराज्यपाल का पदभार संभाला है। बैजल को आप सरकार के साथ कामकाज का कोई उपयुक्त तरीका ढूंढना होगा क्योंकि आप सरकार का निवर्तमान उपराज्यपाल नजीब जंग से कटु संबंध रहा है। जंग ने पिछले हफ्ते अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
नजीब जंग ने 22 दिसम्बर को निजी वजहों से उप राज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया था। 1969 बैच के आईएएस अधिकारी रहे अनिल बैजल अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में गृह सचिव रह चुके हैं। 2006 में शहरी विकास मंत्रालय में सचिव के पद से रिटायर हुए हैं। बैजल विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन के एग्जीक्यूटिव मेंबर भी रहे हैं। इसके फाउंडर अजीत डोभाल हैं। इसके अलावा बैजल इंडियन एयरलाइंस के एमडी, प्रसार भारती के सीईओ और डीडीए के वाइस चेयरमैन जैसे कई अहम पदों पर भी रह चुके हैं।
फिलहाल शुंगलू आयोग की रिपोर्ट पर बैजल का क्या रुख रहता है इस पर भी सबकी निगाहें होंगी| दिल्ली और केंद्र के बीच टकराव का सबसे बड़ा कारण यही रिपोर्ट रहा है। शुंगलू आयोग का गठन नजीब जंग ने किया था और केजरीवाल सरकार के फैसलों से संबंधित करीब 400 फाइलों की जांच के बाद इस समिति ने अपनी रिपोर्ट एलजी आफिस को सौंप रखी है।