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नई दिल्ली, = नए साल से बैंकों को नकदी की आपूर्ति चार गुना बढ़ जाएगी जिससे बैंकों और एटीएम में नकदी की समस्या के खत्म हो जाने का अनुमान है। इस बीच, देश के 90 फीसदी एटीएम मशीनों को नए नोट के हिसाब से कैलिब्रेट किया जा चुका है। गौरतलब है कि नकदी की किल्लत खत्म होने की समयसीमा 30 दिसम्बर को खत्म हो रही है और तब तक सारी व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए आरबीआई के छापाखाने में डबल शिफ्ट में नोट छापे जा रहे हैं।
सरकारी सूत्रों जानकारी देते हुए कहा कि 2 जनवरी को जब बैंक खुलेंगे तो नकदी की किल्लत नहीं रहनी चाहिए। इसके पहले ही बैंकों में पर्याप्त नकदी पहुंचा दी जाएगी। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में घोषणा की थी कि दो हफ्ते में नकदी की समस्या खत्म हो जाएगी।
पिछले दस दिनों में बैंकों की चेस्ट और एटीएम में नकदी की आपूर्ति में काफी कमी आई है। वैसे तो बैंक खाते से सप्ताह में नकदी निकालने की सीमा 24 हजार है, लेकिन इस माह के पहले हफ्ते में ज्यादातर बैंक कम नकदी का हवाला देकर 10 हजार ही देते रहे। इस माह के दूसरे हफ्ते में तो कई बैंक चार हजार से ज्यादा देने में असमर्थता जता दी। कारण पूछने पर जवाब मिलता कि आरबीआई से ही कम नोट आ रहे हैं।
देश में 90 फीसदी से ज्यादा एटीएम मशीनों को 50 और 100 के अलावा नए पांच सौ और दो हजार के नोट के लिहाज से कैलिब्रेट किया जा चुका है। इसके बाद भी आधे एटीएम मशीनों में नकदी नहीं। नतीजतन, एटीएम के बाहर लोगों की लंबी लाइन लगी रहती है। आखिर यह स्थिति क्यों है जब आरबीआई के प्रिंटिंग प्रेस में डबल शिफ्ट में नोटों की छपाई हो रही है? दरअसल, यह सब आरबीआई के पास नोटों का पर्याप्त भंडार तैयार करने के लिए हो रहा है। सरकार चाहती है कि 1 जनवरी को अवकाश के बाद जब बैंक 2 को खुलें तो नोटों की किल्लत बीते दिनों की बात हो जाए।