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पटना, सनाउल हक़ चंचल-: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को जहां पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमतों और विधानसभा-लोकसभा चुनाव साथ साथ कराने के मुद्दे पर नरेंद्र मोदी सरकार का समर्थन किया वहीं गौरी लंकेश की हत्या मामले में कर्नाटक की कांग्रेस सरकार की निंदा की.
पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या पर नाराजगी जाहिर करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि इस मामले में कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार की नाकामी सामने आई है. अभी तक किसी की गिरफ्तारी की कोई सूचना नहीं है. मैं भी जानना चाहता हूं कि हत्या के पीछे किसका हाथ है. कर्नाटक सरकार दोषियों को पकड़ने में अभी तक नाकाम है और इस मालमे में कोई भी सवाल नहीं उठा रहा है.
सीएम ने कहा कि अगर गौरी लंकेश जैसी बिहार में होती तो लोग हमारी सरकार पर सवालों के बौछार कर देते लेकिन मीडिया के लोग भी गौरी लंकेश की हत्या मामले में सवाल नहीं उठा रहे हैं.
नीतीश कुमार ने पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी के मुद्दे पर मोदी सरकार का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें ओपन मार्केट से तय होती है.
पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमलोगों को यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि सरकार के रेवेन्यू का बड़ा हिस्सा इससे प्राप्त होता है जो कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च होता है. जहां तक पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के तहत लाने का प्रश्न है वो केंद्र सरकार और जीएटसी काउंसिल को तय करना है.
नीतीश कुमार ने लोकसभा-विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के मुद्दे पर नरेंद्र मोदी सरकार का समर्थन किया लेकिन 2019 में बिहार विधानसभा के उपचुनाव कराने से उन्होंने साफ तौर पर इनकार कर दिया.
सीएम ने कहा कि वो लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकायों के चुनाव साथ कराने के पक्ष में हैं लेकिन इसके लिए कुछ संविधान में संशोधन करने की जरूरत होगी. 1967 तक लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ साथ होते थे लेकिन बाद में राजनीतिक अस्थिरता के कारण इसमें बदलाव हो गया. उन्होंने कहा कि मैं सैद्धांतिक तौर से पीएम नरेंद्र मोदी के इस विचार से समहत हूं. अगर राजनीतिक पार्टियों में सहमति हो तो इसे 2024 से लागू किया जा सकता है.
सीएम ने साफ किया है जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने भी इसी परिपेक्षय में अपनी बात मीडिया में रखी थी लेकिन इसका गलत मतलब निकाला गया कि 2019 में लोकसभा और बिहार विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं. बिहार के लोगों को हमलोगों ने वायदा किया है और 2019 में बिहार विधानसभा का उपचुनाव कराने की बात सही नहीं है.
हरेक चुनाव के पहले आचार संहिता लागू करने के मुद्दे पर सीएम नीतीश कुमार चुनाव आयोग से असहमत दिखे. आचार संहिता लागू होने से विकास के काम प्रभावित होते है.