नालासोपारा अचानक 1 लाख का बिजली बिल देखकर घर मालिक के उड़े होश
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नालासोपारा:- महावितरण विभाग ने नालासोपारा पश्चिम इलाके में एक बिजली उपभोक्ता को 1 लाख रुपये से ज्यादा का बिल भेजा है. विभाग के भेजे गए बिजली बिल ने उपभोक्ता की चिंता बढ़ा दी है.
जानकारी के अनुसार नालासोपारा पश्चिम के श्रीप्रस्थ सोसायटी बिल्डींग नंबर २२ बी विंग रूम नंबर ००१ में सुजित सिंह ने मार्च २०१९ से पूर्व घर खरीदा था. उसके बाद प्रतिमाह ७०० से ८५० लॉकडाऊन (मार्च २०२०) तक था, जो उन्होंने बिल भरा नही था. जून २०२० में ३४५० तीन महिने का बिल आया. और जुलाई 2020 में ५३०००बिल दिया. अगस्त २०२० को विभाग ने एस व्ही आर की चेकिंग करने के लिए आते है कहा लेकिन आये नही. नवंबर जाने के बाद जनवरी २०२१ में १००१४० बिल आया. उस दौरान अधिकारी शिंदे ने ३० प्रतिशत कम कर ६४००० हजार भरने को कहा. फरवरी २०२१ में एस व्ही आर किया तो पता चला कि उनके मीटर नंबर ०३२९१४८५ एवं बिल के ऊपर नंबर ०८२०३२९१४२५ में अंतर है. वसई विरार में लॉकडाऊन और उसके बाद में MSEDCL ने बिल को लेकर लोगों में काफी भ्रम पैदा किया है. ग्राहकों को लाखों और करोड़ो का बिल आने की घटनाएं सामने आने पर महावितरण विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े होने लगे है.
महावितरण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मार्च महीने तक २ लाख ४२ हजार ६९६ बढ़े हुए बिजली बिल की शिकायतें आई है. लॉकडाऊन के दौरान विभाग द्वारा मीटर रीडिंग न करते हुए अनुमानित बिल उपभोक्ताओं को भेज गया था. जिसमें लोगों को हजारों एवं लाखों के बिल मिली है. महावितरण विभाग द्वारा जून २०२० से मीटर रीडिंग लिए जाने की बात कही जा रही है. जिसके बाद से नागरिकों में बढ़कर बिल आने के मामले शुरू हुए,
अतिरिक्त कार्यकारी अभियंता सुरेंद्र मुंगारे ने कहा कि महावितरण विभाग की ओर से मीटर की रीडिंग लेने वाली कम्पनी की गलती से नागरिकों को बढ़कर आने वाले बिलो की शिकायतों की बाढ़ सी आ गयी है. एजेंसी ने एक साथ रीडिंग लिया है, इसलिए बिल बढ़ गया है और उन्हें आसान किस्तों की सुविधा दी गयी है. इसके साथ ही रीडिंग लेने वाली एजेंसी के खिलाफ वरिष्ठों से शिकायत की गई हैं,
बिजली उपभोक्ता सुरज सिंह ने कहा कि वसई विरार क्षेत्र में पिछले वर्ष से ग्राहकों को अनाप शनाप बिल आ रहे है. जिसमें महावितरण विभाग की ओर से नियुक्त किये गए ठेकेदार द्वारा गलत तरीके से मीटर रीडिंग लिये जाने का आरोप नागरिक लगा रहे है.