नाराज अण्णा हजारे अब मोदी सरकार के विरोध में करेंगे आंदोलन
मुंबई, 02 अक्टूबर : लोकपाल और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों पर ध्यान न दिए जाने से वरिष्ठ समाजसेवक अण्णा हजारे नाराज हैं और वे मोदी सरकार के विरोध में आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं।
पिछले तीन वर्षों से अण्णा हजारे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लगातार पत्र लिख कर लोकपाल लागू किए जाने और कृषि उपज को गारंटी भाव मिले, इस तरह की मांग कर रहे हैं। लेकिन अण्णा हजारे के पत्र पर प्रधानमंत्री कार्यालय से कथित रूप से किसी भी तरह का ठोस जवाब नहीं दिया गया है। इसलिए अण्णा हजारे नाराज बताए जा रहे हैं। इससे पहले अण्णा हजाने ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर आंदोलन किए जाने संबंधित सूचना दी थी।
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अण्णा हजारे ने 2011 में भ्रष्टाचार के खिलाफ दिल्ली के रामलिला मैदान पर देशव्यापी और ऐतिहासिक आंदोलन किया था जिससे 27 अगस्त 2011 को संसद में एक प्रस्ताव पास किया गया था। उसमें केंद्र में लोकपाल, राज्य में लोकायुक्त और सिटिजन चार्टर की नियुक्ति किए जाने के संबंध में महत्वपूर्ण मुद्दों पर कानून बनाने के लिए निर्णय लिया गया था। इस बात को छह साल बीत जाने के बाद भी देश में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए एक भी कानून लागू नहीं किया गया है।
अण्णा हजारे ने अपने पत्र में कहा है कि 2014 में सरकार स्थापित होने से पहले प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध जोरदार लड़ाई लडऩे का आश्वासन आम जनता को दिया था। यह आश्वासन पिछले 3 साल के कार्यकाल में कहीं भी पूरा होते नहीं दिख रहा है। इसलिए उन्हें आंदोलन की राह पकड़नी पड़ रही है। (हिस)।