नाबालिग से बलात्कार व हत्या मामले में तीनों दोषियों को मिली फांसी की सजा
मुंबई, 10 नवम्बर : अहमदनगर जिले के पारनेर तहसील में स्थित लोणी मावला से विद्यालय से निकलकर घर जा रही नाबालिग लड़की से बलात्कार करके उसकी हत्या कर दिए जाने के मामले में तीनों दोषियों को जिला व सत्र न्यायालय की न्यायाधीश सुवर्णा केवले ने फांसी की सजा सुनाई है।
22 अगस्त 2014 को पीड़ित नाबालिग लड़की सुबह साढ़े नौ बजे अलकुटी स्थित विद्यालय गई और वहां से परीक्षा देकर यह लड़की शाम को पांच बजे एसटी बस से लोणी मावला बस स्टैंड पहुंची। लोणी स्टैंड के बगल में एक बाड़ी में वह परिवार सहित रहती थी और प्रतिदिन स्कूल आती जाती थी। बारिश शुरू होने के कारण लड़की एक वृक्ष के नीचे रुक गई। इसके बाद वहां पहुंचे दोषियों क्रमश: संतोष लोणकर (36), मंगेश लोणकर (30) और दत्तात्रय शिंदे (27) उसे जबरन पकड़कर चारी के पुल के नीचे ले गए और उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। इसके बाद चेहरे पर स्क्रू ड्राइवर से वार करके उसकी हत्या कर दी। जब शाम तक लड़की अपने घर नहीं पहुंची तो परिवारीजन उसकी तलाश में लग गए।
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पिंपलगांव के जोगा कैनाल के चारी के छोटे पुल के नीचे नाबालिग लड़की का शव परिजनों को उसी दिन शाम सात बजे बरामद हुआ। पारनेर पुलिस ने बलात्कार और हत्या का मामला दर्ज करके आरोपियों की तलाश शुरू कर दी। तात्कालीन पुलिस अधीक्षक लखमी गौतम, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शैलेष बलकवडे व पुलिस उपाधीक्षक यादवराव पाटिल के नेतृत्व में पुलिस निरीक्षक शरद जांभले व उनकी टीम ने 23 अगस्त को आरोपी संतोष लोणकर को गिरफ्तार कर लिया और दूसरे दिन 24 अगस्त को मंगेश लोणकर और दत्तात्रय शिंदे को गिरफ्तार करने में पुलिस को सफलता मिली। सरकारी वकील उज्जवल निकम ने सरकारी पक्ष को रखा और न्यायालय से तीनों को फांसी की सजा देने की मांग की। इसके बाद न्यायालय ने तीनों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। (हि.स.)।